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नरई न जलाएं , दूसरे खेतों में आग का खतरा

गर्मी के मौसम में आग लगने के खतरे बढ़ जाते हैं। इस समय खेतों में गेहूं की फसल पकी खड़ी है। जो किसान फसल काट चुके हैं वे अपने खेतों में नरई बिल्कुल न जलाएं। इससे आसपास के ऐसे खेतों में आग लगने का खतरा रहता है जहां अभी फसल खड़ी हुई है। वैसे भी खेतों में नरई जलाने पर प्रतिबंध लागू है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:16 AM (IST)
नरई न जलाएं , दूसरे खेतों में आग का खतरा

पीलीभीत : गर्मी के मौसम में आग लगने के खतरे बढ़ जाते हैं। इस समय खेतों में गेहूं की फसल पकी खड़ी है। जो किसान फसल काट चुके हैं वे अपने खेतों में नरई बिल्कुल न जलाएं। इससे आसपास के ऐसे खेतों में आग लगने का खतरा रहता है, जहां अभी फसल खड़ी हुई है। वैसे भी खेतों में नरई जलाने पर प्रतिबंध लागू है। बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में जिले के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ब्रह्मानंद दुबे ने टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि बच्चों के हाथों में माचिस बिल्कुल न दें। क्योंकि अगर किसी बच्चे ने जलती हुई माचिस की तीली इधर, उधर फेंक दी तो आग भड़क सकती है। उन्होंने कहा कि अब तो गांवों में अधिकतर घरों में लकड़ी, उपले के बजाय रसोई गैस का इस्तेमाल होता है। सावधानी बरतने की आवश्यकता है। रसोईघर में एक बाल्टी पानी से भरी हुई हर समय रखना चाहिए। साथ ही मोटा सूती तौलिया गीला करके रखे। अगर सिलेंडर लीक होने पर आग निकलने लगे तो फौरन उस तौलिया को पानी में डुबोकर सिलेंडर के ऊपर डाल दें। इससे आग तुरंत बुझ जाएगी।

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सवाल : कई बार कहीं अग्नि दुर्घटना हो जाने पर जब फोन पर सूचना दी जाती है तो दमकल देर से पहुंचती है। ऐसे में काफी नुकसान हो जाता है।

सुरेंद्र कुमार, मझोला

जवाब : सूचना मिलने के एक मिनट के भीतर दमकल की गाड़ी भेजने का प्रावधान है। अगर कहीं ऐसी शिकायत मिलती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है।

सवाल : अग्निशमन विभाग के पास आग से बचाव के लिए क्या क्या संसाधन हैं। इसके बारे में जानकारी दीजिए।

विनोद कुमार, नई बस्ती

जवाब : विभाग के पास दो बड़ी गाड़ियां शहर में, बीसलपुर में एक बड़ी गाड़ी तथा पूरनपुर, माधोटांडा व अमरिया में बोलेरो गाड़ी और पंप की व्यवस्था कराई गई है।

सवाल : छोटी गाड़ियों में पंप और पाइप होता है लेकिन पानी की व्यवस्था कहां से की जाती है। अगर किसी स्थान पर आग लगी है और पानी दूर है, फिर कैसे आग पर काबू पाया जाएगा।

रामकिशोर, बरखेड़ा

जवाब : छोटी गाड़ियों के साथ पंप रहता है और पाइप भी। तीन सौ मीटर की दूरी तक खुला पानी मिलना चाहिए। तभी दमकल अपना कार्य कर पाती है।

सवाल : आग लगने पर बीसलपुर केंद्र पर फोन किया था लेकिन काल रिसीव नहीं हुई। ऐसा क्यों होता है। इस वजह से नुकसान ज्यादा हो जाता है।

संजय दीक्षित, ग्राम खरदहाई

जवाब : अगर ऐसा हुआ है तो बहुत गलत है। इसके लिए स्टाफ को हिदायत दी जाएगी। आगे से कोई लापरवाही हो तो तुरंत मुझे सूचित करें।

सवाल : जहानाबाद के परेवा वैश्य में गत दिवस गेहूं के खेत में आग लगने पर दमकल पहुंची लेकिन पाइप के सहारे नहर से पानी नहीं लिया जा सका।

मनोज कुमार, जहानाबाद

जवाब : छोटी दमकल गाड़ी के साथ जो पाइप होता है, इससे तीन सौ मीटर दूरी तक अगर पानी है तो लिया जा सकता है। ज्यादा दूरी है तो मुश्किल आती है।

सवाल : दीपावली पर तो आतिशबाजी का बाजार खुले मैदान में लगवा दिया जाता है,लेकिन सहालग के मौसम में शादियों के लिए आतिशबाजी की बिक्री आबादी के बीच से होने लगती है।

नीरज कुमार, बल्लभ नगर

जवाब : इस बाबत जब भी सूचना मिलती है तो संबंधित आतिशबाजी की दुकान पर छापेमारी की जाती है। अगर आबादी के बीच कहीं आतिशबाजी बिकते देखें तो तुरंत इसकी सूचना दें, सख्त कार्रवाई होगी।


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