जिला प्रशासन ने बंद कराया स्वाधार गृह
जिला प्रशासन ने जिला अस्पताल के पीछे चल रहे स्वाधार गृह को बंद करा दिया है।
पीलीभीत : जिला प्रशासन ने जिला अस्पताल के पीछे चल रहे स्वाधार गृह को बंद करा दिया है। इस मामले में शासन से आदेश जारी हो चुके हैं। निरीक्षण के दौरान स्वाधार गृह में सिटी मजिस्ट्रेट को वित्तीय अनियमितताएं मिली थी।
देवरिया कांड के बाद प्रदेश शासन ने सभी जिलों के डीएम को सभी बाल संरक्षण गृहों और स्वाधार गृहों में औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। इस पर डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट डॉ.अर्चना द्विवेदी ने जिला अस्पताल के पीछे चल रहे स्वाधार गृह का सात अगस्त को निरीक्षण किया था। निरीक्षण में 32 के स्थान पर महज सात लड़कियां मिली थी। इस पर सरकारी धन का गबन पाया गया। जिला प्रशासन ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इस पर स्वाधार गृह की संचालक नीलम गुप्ता और वार्डन वार्डन राजकुमारी के खिलाफ कोतवाली में धारा 420, 409, 467 व 468 के अंतर्गत केस दर्ज कराया गया। आरोप लगाया गया कि संचालक और वार्डन अधिक उपस्थिति दिखाकर सरकारी धन का गबन कर रही हैं। अब डीएम डॉ.अखिलेश कुमार मिश्र ने स्वाधार गृह को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर स्वाधार गृह को बंद करा दिया गया है। कोड पूछकर खाते से निकाले 30 हजार
पीलीभीत : कलीनगर निवासी शब्बीर खां पुत्र हबीब खां ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि उसका स्टेट बैंक शाखा पूरनपुर में खाता संचालित है। 11 अगस्त को उसके मोबाइल नंबर पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने अपने मोबाइल नंबर से फोन कर कहा कि वह बैंक मैनेजर बोल रहा है। आप का एटीएम नंबर आज डिलीट हो रहा है। आप यदि चलाना चाहते हैं तो अपने एटीएम का नंबर बताएं जिस पर उसने अपने एटीएम का नंबर बता दिया। शब्बीर खां ने बताया कि उसके पूरनपुर स्थित स्टेट बैंक खाते से 9992 रुपए निकाल लिए गए। उसने बताया ठगने वाले ने तीन बार में 29997 रुपए खाते से निकाल लिए। मोबाइल पर इसका मैसेज आने पर वह हक्का-बक्का रह गया। शब्बीर ने बताया काफी पूछने पर उक्त ठग ने अपना नाम दीपक शर्मा बताया लेकिन कहां से बोल रहा यह पूछने पर फोन काट दिया। इस मामले की तहरीर उसने थाने जाकर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव को देकर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।