दिवाली की खुशी में रखें पर्यावरण का ख्याल
कुछ देर की खुशी के लिए लाखों के पटाखे हर साल फूंके जाते हैं। इस पैसे की बचत से किसी वंचित का घर रोशन किया जा सकता है।
पीलीभीत : कुछ देर की खुशी के लिए लाखों के पटाखे हर साल फूंके जाते हैं। इस पैसे की बचत करके जरूरतमंद लोगों की त्योहार पर मदद की जा सकती है। ऐसा भी नहीं है कि त्योहार पर अपनी खुशियां प्रकट नहीं करना चाहिए परंतु ऐसे पटाखों से बचना चाहिए, जिनसे प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य हानि भी होती है।
हर साल दीपावली से कई दिन पहले पटाखे फोड़े जाने लगते हैं। खास दीपावली की रात तो चारों ओर पटाखों का शोर उठने लगता है। पटाखों पर लाखों खर्च के बाद मिलता है सिर्फ प्रदूषण। कई दिनों तक वातावरण इससे प्रभावित रहता है। अगर पड़ोसी घर में कोई मरीज है,तो उसे पटाखों के शोर से कितनी तकलीफ पहुंचती होगी, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। दीपावली खुशियों का पर्व है। बुराई पर अच्छाई की विजय का त्योहार। इस मौके पर खुशियां बांटना चाहिए। पटाखे छुड़ाते समय हर साल दीपावली पर हादसे भी होते रहे हैं। उन परिवारों पर क्या बीतती होगी, जिनके घर का कोई सदस्य पटाखों से उपजे हादसे का शिकार हो जाए। इसे भी ध्यान में रखते हुए बच्चों की खुशी के लिए परिवार के बड़े लोग सुरक्षित स्थान पर रोशनी वाली आतिशबाजी छुड़ाएं।