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कृषि कानून के विरोध में जलाईं प्रतियां

अन्नदाता किसान यूनियन के कार्यकर्ता शनिवार को ट्रैक्टर लेकर माधोटांडा रेलवे क्रॉसिग पर पहुंचेलेकिन वहां जाम नहीं लगा सके। गेहूं खरीद में बाध्यता खत्म होने और रजिस्ट्रेशन के हिसाब से गेहूं की खरीद किए जाने की प्रशासनिक अधिकारियों ने बात कही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 11:00 PM (IST)
कृषि कानून के विरोध में जलाईं प्रतियां
कृषि कानून के विरोध में जलाईं प्रतियां

पीलीभीत,जेएनएन : अन्नदाता किसान यूनियन के कार्यकर्ता शनिवार को ट्रैक्टर लेकर माधोटांडा रेलवे क्रॉसिग पर पहुंचे,लेकिन वहां जाम नहीं लगा सके। गेहूं खरीद में बाध्यता खत्म होने और रजिस्ट्रेशन के हिसाब से गेहूं की खरीद किए जाने की प्रशासनिक अधिकारियों ने बात कही। पदाधिकारियों की तरफ से कृषि कानून बिल की प्रतियां भी जलाई गईं जिसको पुलिस ने छीन लिया।

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समर्थन मूल्य योजना के तहत मंडी समिति में स्थापित किए गए क्रय केंद्रों पर एक जून से एक दिन में 50 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा रही थी। यह बाध्यता खत्म करने के दो जून को अन्नदाता किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेलवे क्रॉसिग पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन किया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने दो दिन में बाध्यता समाप्त करने का आश्वासन दिया था। शनिवार को अन्नदाता किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता माधोटांडा रेलवे क्रासिग की तरफ अपने वाहन लेकर पहुंचे लेकिन वहां जाम नहीं लग सके। 50 क्विंटल की बाध्यता खत्म होने और रजिस्ट्रेशन के हिसाब से खरीद करने की बात किसानों से अधिकारियों ने कही। इसके बाद कृषि कानून बिल की प्रतियां जलाई जिसको प्रशासनिक अधिकारी ने छीन लिया। डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। मंडी समिति में लगे पीसीएफ के क्रय केंद्र इंचार्ज पर सुविधा शुल्क मांगने, इंचार्ज को हटाकर नए की नियुक्ति करने, बढ़ते डीजल पेट्रोल के दामों को टैक्स मुक्त किए जाने, एमएसपी पर खरीद करने, सभी किसानों का गेहूं खरीदने की मांग की गई। जिलाध्यक्ष मनप्रीत सिंह, बलजिदर सिंह, गुरविदर सिंह, कर्मवीर सिंह समेत कई किसान मौजूद रहे।

उधर भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष मंजीत सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता तहसील पहुंचे। कृषि कानून के विरोध में प्रतियां आग के हवाले कर दी गई। प्रतियां जलने के दौरान एक दारोगा पहुंचे। इसके अलावा तहसीलदार भी पहुंच गए। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। इसमें तीनों कानून और मुकदमा वापस लेने सहित कई मांग की गई।


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