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तीन साल से जब चिकित्सक ही नहीं तो कैसे हो पशुओं का इलाज

पीलीभीतजेएनएन गांव गिधौर का पशु अस्पताल तीन साल से चिकित्सक विहीन है। अस्पताल के अंतर्गत 31 गांव आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 06:11 AM (IST)
तीन साल से जब चिकित्सक ही  नहीं तो कैसे हो पशुओं का इलाज
तीन साल से जब चिकित्सक ही नहीं तो कैसे हो पशुओं का इलाज

पीलीभीत,जेएनएन: गांव गिधौर का पशु अस्पताल तीन साल से चिकित्सक विहीन है। अस्पताल के अंतर्गत 31 गांव आते हैं। चिकित्सक के अभाव में बीमार पशुओं को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है।

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पशुपालन विभाग की ओर से न्यूरिया के पशु चिकित्सक डॉ. जेपी वर्मा को यहां का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है,लेकिन वह नियमित रूप से इस अस्पताल में पहुंचते ही नहीं हैं। किसी ग्रामीण का पशु अगर बीमार हो जाता है तो वह इलाज के लिए भटकता है। इस अस्पताल में पहुंचने पर पता लगता है कि ना डॉक्टर है न ही फार्मेसिस्ट है। तीन साल पहले यहां कार्यरत डॉ. नवीन वर्मा के स्थानांतरण के बाद नई नियुक्ति नहीं की गई। डॉ. जेपी वर्मा बुधवार को कार्य दिवस व शुक्रवार तथा शनिवार को पार्ट टाइम बैठकर पशुओं का इलाज करेंगे। बाबूलाल मिश्र पशुधन प्रसार अधिकारी हैं उनकी ड्यूटी पशु चिकित्सालय पर सोमवार मंगलवार व शुक्रवार को लगाई गई है वह भी मात्र खानापूर्ति करने पहुंचते हैं। अस्पताल में सिर्फ एक पत्रवाहक दिलीप कुमार ही रहते हैं। पशु चिकित्सक जेपी वर्मा कहना है कि उनके पास गिधौर के पशु चिकित्सक का अतिरिक्त चार्ज है। ऐसे में वह सीमित समय ही दे पाते हैं।


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