आकांक्षा की झोली में बबलू ने भरी खुशी
पहले पति ने जब एक साल पहले संबंध विच्छेद कर लिए तो आकांक्षा के जीवन में अंधेरा छा गयालेकिन मंगलवार को बबलू ने मांग भरकर दोबारा जीने का प्रकाश जीवन में भर दिया। दहेज रहित पुनर्विवाह कर बबलू ने समाज के दहेजलोभियों को नया संदेश दिया है।
पीलीभीत,जेएनएन : पहले पति ने जब एक साल पहले संबंध विच्छेद कर लिए तो आकांक्षा के जीवन में अंधेरा छा गया,लेकिन मंगलवार को बबलू ने मांग भरकर दोबारा जीने का प्रकाश जीवन में भर दिया। दहेज रहित पुनर्विवाह कर बबलू ने समाज के दहेजलोभियों को नया संदेश दिया है। सात जन्मों तक साथ निभाने के लिए फेरे लिए। दुर्गा वाहिनी की महिलाओं ने वर वधू को उपहार प्रदान करने के साथ ही आशीर्वाद दिया।
नगर के मुहल्ला दुर्गा प्रसाद निवासी हास्य कवि बनवारी लाल वर्मा की पुत्री आकांक्षा की शादी नगर के ही छेदालाल से करीब दो साल पहले हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही पति व पत्नी के बीच दूरियां बढ़ गईं। इस पर पति ने संबंध विच्छेद कर लिया। 22 वर्षीय आकांक्षा के लिए बरेली निवासी बबलू सहारा बनकर जीवन में आए। उन्होंने नगर के गायत्री शक्तिपीठ परिसर में गायत्री परिवार की ओर से संपन्न कराए गए दहेज रहित पुनर्विवाह में आकांक्षा के साथ सात जन्मों तक साथ निभाने के लिए सात फेरे लिए। सादगी से विवाह की सारी रस्में पूर्ण की गईं। एक ओर समाज में जहां अधिकांश लोगों में दहेज की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं,जिन्होंने दहेज को लेना अभिशाप माना है। कुछ संगठन लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने भी कानून बनाया है। इस मौके पर दोनो पक्षों के स्वजनों के अलावा दुर्गा वाहिनी की महिलाएं मौजूद रहीं। संस्था की संरक्षक मीरा सक्सेना, आशा गुप्ता, आशा यादव, नीतू सक्सेना, शांति देवी, संतोष शुक्ला ने उपहार दिया।