लापरवाह 34 पंचायत सचिवों को प्रतिकूल प्रविष्टि
जागरण संवाददाता पीलीभीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत बन रहे शौचालयों में ग्राम पंचायत अधिकारियों ने लापरवाही की जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले स्वच्छ भारत मिशन के प्रति सरकारी कर्मचारी पर्याप्त गंभीरता नहीं दिखा रहे। गांवों में शौचालयों के निर्माण के बाबत जियो टैंगिग में गलतियां कर दीं। इतना ही नहीं जिन लाभाíथयों के शौचालयों का निर्माण अभी पूरा नहीं हो सका। उनके भी फोटो अपलोड कर दिए। इस लापरवाही पर जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों के 34 सचिवों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। साथ ही जियो टैंगिग में तत्काल सुधार करने डाटा अपलोड कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इस समय जिले के गांवों में बेसलाइन सर्वे सूची में शामिल होने से वंचित रहे पात्र परिवारों को शौचालय दिए जा रहे हैं। चयनित लाभार्थी को शौचालय का निर्माण कराने के लिए दस हजार की धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। जब शौचालय बनकर तैयार हो जाता है, तब दो हजार की अवशेष धनराशि मिलती है। लाभाíथयों के चलन से लेकर धनराशि आवंटन और निर्माण की प्रक्रिया, उसकी पूर्णता तक का ब्योरा शासन से उपलब्ध साफ्टवेयर पर अपलोड होता है। जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों में नियुक्त सचिवों की होती है। लापरवाही के साथ गलतियां किए जाने पर उनके प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई, उनमें ग्राम पंचायत अधिकारी मोहम्मद इबरार, कृष्णपाल सिंह, मेहरबान सिंह राना, मोहम्मद रिजवान, प्रेम शंकर, राकेश शर्मा, राहुल पुष्कर, राजकुमार, राजीव सक्सेना, राजाराम, राजेंद्र सिंह, मोहम्मद रफीउल्ला, वीरेंद्र कुमार, नईम अख्तर, नूरुद्दीन, अखिलेश गुप्ता, ओमप्रकाश, अवनीश कुमार, अतुल कुमार शामिल हैं। ग्राम विकास अधिकारी धर्मेंद्र कुमार, रूपेश सिंह, करन सिंह, मेवालाल,शिखा, विजय तिवारी, हरीश कुमार, पंकज शर्मा, राकेश कुमार, रामप्रकाश गंगवार, राहुल कनौजिया, नेहा व लाल बहादुर शामिल हैं। कार्य के प्रति लापरवाही पर यह कार्रवाई की गई है। हालांकि अपलोडिग कराने में जो भी त्रुटियां हुई थीं, उन्हें दुरुस्त करा लिया है। इस समय बेवसाइट बंद है। शासन से खुलने पर सुधार करा दिया जाएगा।
-प्रमोद कुमार यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी
अगर कर्मचारियों ने लापरवाही की है तो उन्हें दंडित किया ही जाना चाहिए। हालांकि अभी फाइल मेरे पास नहीं आई है। डीपीआरओ को ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति का अधिकार है।
-योगेंद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी
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