जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-24 कोतवाली पुलिस सोमवार को निठारी निवासी कंपनी कर्मी कमल शर्मा हत्याकांड के मामले का पर्दाफाश करते हुए एक यूट्यूबर समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। यूट्बर निजामुल की जान-पहचान कमल की बहन से थी। इसका कमल विरोध करता था। इस विरोध के चलते निजामुल ने कमल के फुफेरे भाई व दोस्त के साथ मिलकर उसकी गोली मारकर हत्या की थी। आरोपितों की पहचान अमरोहा के टिकिया फतेहपुर निवासी निजामुल, नोएडा सेक्टर-20 निवासी अमित गुप्ता और दिल्ली के उस्मानपुर निवासी सुमित शर्मा के रूप में हुई है। सुमित कमल का फुफेरा भाई है और अमित गुप्ता निजामुल का दोस्त है।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) लव कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि 28 अक्टूबर की शाम इस्कान मंदिर के पास एलिवेटेड लूप पर कमल शर्मा (22) के घायल अवस्था में मिलने पर वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति ने राहगीरों की मदद से उसे जिला अस्पताल में पहुंचाया था। जहां इलाज शुरू होने से पूर्व कमल की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली मारकर हत्या की बात सामने आई थी।
सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज के जरिये पुलिस जांच में सामने आया है कि गिझौड़ में रह रहे निजामुल की कमल की बहन से जान-पहचान थी। यह बात कमल को पसंद नहीं थी। वह कई बार बहन को आरोपित से दूर रहने के लिए कह चुका था। इस कारण कमल का निजामुल के साथ विवाद हुआ था। इसके बाद निजामुल ने सुमित शर्मा के साथ मिलकर कमल की हत्या करने की साजिश रची। हत्या से पूर्व आरोपितों ने कमल के घर व कंपनी के पास पहुंचकर दो दिन तक रेकी की और फिर 28 अक्टूबर की शाम साढ़े छह बजे कमल के दफ्तर पहुंचे। उसके कंपनी से बाहर निकलते ही बाइक से उसके पीछे लग गए। इस्कान मंदिर के पास एलिवेटेड रोड के लूप के पास निजामुल ने कमल की पीठ में गोली मारी और मौके से फरार हो गया। घटना के बाद आरोपित सुमित शर्मा के साथ मुरादाबाद के पाक बाड़ा में जाकर छिप गया था। जहां से पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से घटना में इस्तेमाल एक बाइक, एक तमंचा, मोबाइल व खोखा बरामद किया है। आरोपित ने कहां से हथियार खरीदा इसकी भी जांच की जा रही है। घटना में कमल की बहन की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि इस संबंध में स्वजन ने 29 अक्टूबर को सेक्टर-31,25 चौराहे पर शव रख प्रदर्शन किया था। सांसद डॉ. महेश शर्मा व अपर पुलिस आयुक्त ने स्वजन से मुलाकात कर हत्याकांड का 48 घंटे में पर्दाफाश करने का आश्वासन दिया था।