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ईयर एंडर : सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की दरकार

बड़े-बड़े निजी अस्पतालों के कारण हाइटेक सिटी स्वास्थ्य सेवाओं का हब बन चुका है, लेकिन सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं आज भी काफी सुधार की जरूरत है। जिससे बढ़ती आबादी के बीच मरीजों की समस्याओं को दूर किया जा सके। वैसे तो साल 201

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 08:29 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 08:29 PM (IST)
ईयर एंडर : सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की दरकार
ईयर एंडर : सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की दरकार

जागरण संवादादाता, गौतमबुद्धनगर: बड़े-बड़े निजी अस्पतालों से जिला स्वास्थ्य सेवाओं का हब बन चुका है, लेकिन सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में आज भी काफी सुधार की जरूरत है। ऐसा इसीलिए ताकि बढ़ती आबादी के बीच मरीजों की समस्याओं को दूर किया जा सके। वैसे तो साल 2018 कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने का गवाह बना, जिसमें बाल चिकित्सालय में गरीब बच्चों को आर्थिक मदद दिलाना, ईएसआइसी में ऑपरेशन थियेटर की संख्या बढ़ाना, होम्योपैथिक अस्पताल टोकन सिस्टम, वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग लाइन लगवाना व आयुर्विज्ञान संस्थान में 24 घंटे आपातकालीन सेवा शुरू करना शामिल है। इसके अलावा आयुष्मान योजना की शुरुआत होने से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का इलाज की सुविधा शुरू होना भी शामिल है। उपलब्धियों का ब्योरा:

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चाइल्ड पीजीआइ:

सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ में पिछले 9 माह से कई महत्वपूर्ण पद खाली पड़े थे। लेकिन नये निदेशक मिलने के बाद बाल चिकित्सालय में दिसंबर माह में 24 नये डॉक्टरों की सौगात के लिए खाली पड़े पदों पर भर्तियां निकाली गई। ऐसे में नये साले से ईएनटी सर्जन, त्वचा रोग विशेषज्ञ, मनोरोग विशेषज्ञ के डॉक्टर मिलने के साथ मरीजों की दिक्कत खत्म होगी। अस्पताल में ओटी की संख्या बढ़ाकर यहां कार्डियक सर्जरी और बड़ी प्रकिया पर भी काम शुरू किया गया है। कैंसर से पीड़ित बच्चों को आरबीएसके, आरोग्य निधि, पीएमएनआरएफ, सीएमआरएफ से मदद मिलनी शुरू हुई। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का यहां निशुल्क इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में ब्लड बैंक की भी शुरुआत हुई। ईएसआइसी:

सेक्टर-24 स्थित ईएसआइसी अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं शुरू होने से मरीजों को अब केवल गंभीर समस्या होने पर निजी अस्पताल रेफर करना पड़ता है। अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। जिससे मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता। एमआरआई, सिटी स्कैन, आईसीयू की सेवा शुरू करने पर मुहर लगी। मरीजों का आंकड़ा दर्ज करने के लिए नये कम्प्यूटर खरीदें गए। टोकन सिस्टम की भी व्यवस्था शुरू की गई। जिला अस्पताल:

सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में इस साल वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग लाइन की व्यवस्था शुरू हुई। बच्चा चोरी और प्रसूति वार्ड में बाहरी मरीजों की रोक के लिए प्रसूति वार्ड में टोकन सिस्टम लागू किया गया। पैथोलॉजी लैब में खून की अधिकांश जांच करवाने वाले मरीजों को रिपोर्ट जल्द मिलने लगी। साथ ही भर्ती मरीजों के लिए ब्लड बैंक से निशुल्क रक्त व्यवस्था की शुरू हुई। डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेशन सेंटर बनने से चिह्नित गंभीर बीमार बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल का चक्कर नहीं काटना पड़ता। जबकि आयुष्मान योजना की शुरूआत होने से बीपीएल कार्डधारकों को इसका लाभ मिल रहा है। साथ ही पेटीएम से भुगतान की सुविधा शुरू हुई। होम्योपैथी अस्पताल:

सेक्टर-24 स्थित डॉ. डीपी रस्तोगी केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान में लाइन को खत्म करने के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था शुरू की गई। अल्ट्रा साउंड, एक्सरे, आंखों के लिए विशेष लैब व अन्य जांच की सुविधाएं शुरू से मरीजों का होम्योपैथिक दवाओं की ओर भी रुझान बढ़ा। मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड संख्या 50 कर दी गई। साथ ही दवाओं पर रिसर्च के लिए जानवरों की लैब भी बनाई गई है।

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आयुर्विज्ञान संस्थान:

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान मरीजों को किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। संस्थान में 24 घंटे आपातकालीन सेवा शुरू की गई। साथ ही मरीजों के बेहतर उपचार के लिए 25 विशेषज्ञ डाक्टर व 20 रेजीडेंट डाक्टर की भर्ती हुई। मरीजों के सुविधा के लिए माइक्रोस्कोप, आईसीयू के लिए वेंटीलेटर, ऑपरेशन थियेटर के लिए उपकरण खरीदा गया। संस्थान में दंत रोगियों के लिए उपचार के लिए दो स्पेशलिस्ट डाक्टर की भर्ती हुई। पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी विभाग में मरीजों के लिए विभिन्न जांच सुविधा शुरू की गई। साथ ही डायबिटीज से संबंधित मरीजों के लिए प्रत्येक बुधवार को डायबटीज क्लीनिक का शुभारंभ हुआ।

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2019 से उम्मीदें--

- गवर्मेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिमेस) में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पठन-पाठन का शुरुआत व ब्लड बैंक व टेलीमेडिसिन केंद्र की स्थापना।

- जिले में पहले ट्रामा सेंटर की स्थापना।

- चाइल्ड पीजीआइ और जिम्स में नए शोध कार्यों का शुभारंभ।

- भंगेल सीएचसी में पहले महिला अस्पताल की स्थापना।

- सेक्टर-39 में नये निर्माणधीन अस्पताल बनाना।

- आर्युवेद अस्पताल में खुलेगा दूसरा योग वेलनेस सेंटर।

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- ये अच्छी खबरें रहीं-

- डेंगू मरीजों संख्या कम होने के साथ उन्हें प्लेटलेट्स की सुविधा मिली।

- जिला अस्पताल को डिजिटल एक्सरे मशीन मिली।

- जिला अस्पताल में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेशन सेंटर।

- जिले में आयुष्मान योजना की शुरूआत।

- जिला अस्पताल और आयुर्विज्ञान संस्थान में जनऔषधि केंद्र खुला।

- भंगेल सीएचसी में पालना केंद्र की शुरूआत।

- जन्म-मृत्यु प्रणाण पत्र के लिए आनलाइन व्यवस्था।

- जिला अस्पताल को मिली दो एएलएफ एंबुलेंस।

- संविदाकर्मियों को मिला 16 दिन का मेडिकल अवकाश।

- 50 से अधिक निजी अस्पतालों को मिली सौगात।

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कमियां :

- जिला अस्पताल में आइसीयू और बर्न यूनिट लगाने की व्यवस्था इस साल भी नहीं पूरी हो सकी।

- बाल चिकित्सालय में इस वर्ष भी शैक्षणिक सत्र शुरू होने की उम्मीद पूरी नहीं हो पाई।

- इस वर्ष भी अस्पताल को राष्ट्रीय एक्रेडेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल से पंजीकृत नहीं हो सका।

- सेक्टर-39 स्थित निर्माणधीन अस्पताल का काम पूरा नहीं हो सका।

- हाईवे पर ट्रामा सेंटर बनवाने की घोषणा पर काम नहीं हुआ।

- डॉक्टर कम होने कारण मरीजों को लंबी लाइन लगानी पड़ती है।

- सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारियों के इलाज के सुविधा नहीं शुरू हो पाई।

- लैब में स्टाफ कम होने के कारण मरीजों को परेशानी जारी रही।

- सरकारी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा शुरू नहीं हो पाई।

- सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी रहने की समस्या बरकरार।

- ठेले पर पहुंच रहे मरीज धूल फांक रही एंबुलेंस।

- प्राधिकरण की बेरुखी से नहीं बन पा रहा आयुष अस्पताल।

- चाइल्ड पीजीआइ की 6वीं मंजिल से कूदकर कर्मचारी ने की हत्या।

- चाइल्ड पीजीआइ में पिछले 7 महीनों से बंद पड़ है डायलिसिस की सुविधा।

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महत्वपूर्ण घटनाएं:

- जिला अस्पताल में गर्भवती महिला को दिल्ली रेफर करने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस।

- जिला अस्पताल में बच्चा बदलने को लेकर जमकर हंगामा।

- जिला अस्पताल में उल्टी दस्त से पीड़ित बच्ची को जिला अस्पताल में नहीं मिला इलाज।

- जिला अस्पताल में वेतन घटाने की समस्या को लेकर संविदाकर्मियों की हड़ताल का नहीं निकला हल।

- ईएसआइसी अस्पताल में मरीजों और डॉक्टरों के बीच मारपीट।

- ईएसआइसी के बॉथरूम में नवजात बच्ची को छोड़कर फरार हुई महिला

- सेक्टर-62 के फोर्टिस अस्पताल ने पैसा नहीं देने पर शव देने से किया इंकार।

- जिला अस्पताल में वार्ड ब्वाय से मारपीट करने पर मरीज को किया पुलिस के हवाले।

- तंबाकू विभाग में जागरुकता के नाम पर गड़बड़ी मिलने पर सीएमओ ने दिए जांच के आदेश।

- पहली बार जिलें में डिप्थीरिया से तीन बच्चों की मौत


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