Move to Jagran APP

चुनाव से पहले जब गायब हो गया था मतदान कर्मियों का ट्रक

देश में अगस्त 1979 को लोकसभा भंग होने के बाद जनवरी 19

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 09:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 09:07 PM (IST)
चुनाव से पहले जब गायब हो गया था मतदान कर्मियों का ट्रक

चंद्रशेखर वर्मा, नोएडा : देश में अगस्त 1979 को लोकसभा भंग होने के बाद जनवरी 1980 में मध्यावधि चुनाव का कराने का फैसला हुआ। उस वक्त उत्तर प्रदेश अविभाजित हुआ करता था। उत्तराखंड पहाड़ी क्षेत्र होने से वहां के कई मतदान केंद्र दुर्गम क्षेत्रों में बने हुए थे।

loksabha election banner

सेक्टर-40 में रहने वाले यूपी के पूर्व मुख्य सचिव प्रशांत मिश्रा उस वक्त टिहरी के जिलाधिकारी थे। उन्होंने चुनाव से पहले मतदान कर्मियों और चुनाव सामग्री के ट्रक को रवाना किया। वहीं, चुनाव से पहली रात पता चला कि ट्रक बीच रास्ते से गायब है। प्रशांत ने तुरंत सिटी मजिस्ट्रेट को ट्रक की खोज के लिए भेजा। इसके बाद जाकर ट्रक का पता लगाया गया और मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई।

प्रशांत मिश्रा ने बताया कि 80 के दशक के चुनावों में आज की तरह संसाधन नहीं होते थे। सूचना के लिए टेलीफोन या पत्र पर निर्भर रहते थे। ऐसे में चुनाव कराना बड़ी चुनौती होता था। खासकर पहाड़ों में तो बहुत अधिक समस्या होती थी। यहां बने दुर्गम मतदान केंद्रों में चुनाव कर्मियों को एक सप्ताह पहले रवाना कर दिया जाता था। सड़क जहां तक जाती, वहां तक ट्रक और बसों से कर्मियों को भेजा जाता। इसके बाद इलाके का पटवारी चुनाव पार्टी को ग्रामीण वासियों की मदद से पोलिग बूथ तक पहुंचाता।

उन्होंने बताया कि जनवरी में चुनाव होना था। उस समय जमकर बरसात हो रही थी। ऐसे में मतदान कर्मियों को विभिन्न बसों व ट्रकों में चुनाव सामग्री के साथ टिहरी मुख्यालय से रवाना कर दिया गया। उस समय मतदानकर्मी ट्रक छोड़ने के बाद टेलीफोन या किसी शख्स के जरिए जिला मुख्यालय तक सकुशल पहुंचने का संदेश भिजवाते थे। ऐसे में चुनाव की पहली रात करीब साढ़े नौ बजे सूचना मिली कि एक ट्रक गायब है। मैंने तुरंत सिटी मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह को फोन किया और बताया कि ट्रक पता लगाएं। आदेश पाकर वह रात में बारिश में ही ट्रक की तलाश में निकल गए। पता चला कि ट्रक गंतव्य स्थान के पास सड़क के किनारे खड़ा है, जिस पर किसी नजर नहीं जा पाई। सिटी मजिस्ट्रेट ने ड्राइवर से संदेश न भेजने के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि बरसात में किसी को समय ही नहीं मिला। सभी कर्मचारी सकुशल मतदान केंद्र में पहुंच गए हैं। इसके बाद जाकर दूसरे दिन मतदान संपन्न कराया गया।

--------

मतदान के बाद एक टीम नहीं पहुंच पाई समय से मुख्यालय

मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका था। टीमें वापस आ रही थीं। ऐसे में पता चला कि एक टीम अभी तक वापस नहीं आई है। पता चला कि भारी बर्फबारी की वजह से वे लोग फंस गए हैं। आनन-फानन में लोक निर्माण विभाग की टीम को उक्त गांव में भेजा गया। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें वहां से निकाला गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.