बायोगैस से सड़कों पर दौड़ेंगे वाहन, स्वच्छ भारत की मुहिम को मिलेगा बढ़ावा
घरों से लेकर उद्योग क्षेत्र में रोजाना निकल रहे बायोवेस्ट को एकत्रित कर कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) तैयार करने की योजना लाई जा रही है।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
घरों से लेकर उद्योग क्षेत्र में रोजाना निकल रहे बायोवेस्ट को एकत्रित कर कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) तैयार करने की योजना लाई जा रही है। जिससे देशभर के करीब 40 हजार सीबीजी पंप की सहायता से लोग इको-ईंधन से वाहन चलाएंगे। स्वच्छ भारत की मुहिम को बढ़ावा देते हुए नोएडा की कंपनी नेक्सजेन एनर्जी लिमिटेड, केंद्र सरकार व राज्य सरकार के साथ अनुबंध कर देश भर में करीब 10 हजार बायोगैस प्लांट लगाने की योजना बना रही है, जिससे देश कूड़ा मुक्त हो सके।
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कूड़े के पहाड़ों को इको-ईंधन में बदलकर बनेगी सीबीजी
सेक्टर- 63 में प्रेसवार्ता कर कंपनी के चेयरमैन पीयूष द्विवेदी ने बताया कि उनकी कंपनी कूड़े से सीएनजी के समान सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) का उत्पादन करेगी और साथ ही जैविक खाद बनाएगी। इसमें वह बायो वेस्ट को नई तकनीक के साथ कंप्रेस्ड गैस में बदलेंगे और गेल इंडिया के साथ मिलकर इसे पाइप लाइन के जरिये देशभर में स्थापित किए जाने वाले सीबीजी पंप तक पहुंचाएंगे। इसमें बचने वाले सूखे कूड़े की जैविक खाद बनाकर उसे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि पीपीपी मॉडल पर काम करने वाली इस योजना को फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दी है और जल्द ही प्रदेश में पहला प्लांट बागपत में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों की सरकारों से मंजूरी लेकर सीबीजी पंप स्थापित किए जाएंगे।
स्वच्छ भारत के अनुकूल इस मुहिम के लिए सरकार की ओर से सीबीजी पंप लगाने के लिए चार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। देश से गंदगी मिटाने की दिशा में काम करने वाले उद्योगपति इसे किसी भी गांव और शहर में लगा सकेंगे। सीबीजी गैस उत्पादन का उद्योग, इंडस्ट्रियल हाई स्पीड डीजल प्लांट, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, जैविक खाद और मलबे से ईंट निर्माण का कारोबार कर सकते हैं।