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दो वर्ष पहले नोएडा का मकान बेचकर बेंगलरु शिफ्ट हुआ डॉ. विष्णुकांत

मोहम्मद बिलाल नोएडा किराए की कोख (सरोगेसी) गैंग का सदस्य डॉ. विष्णुकांत दो वर्ष पूर्व नोएड

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 06:08 AM (IST)
दो वर्ष पहले नोएडा का मकान बेचकर बेंगलरु शिफ्ट हुआ डॉ. विष्णुकांत
दो वर्ष पहले नोएडा का मकान बेचकर बेंगलरु शिफ्ट हुआ डॉ. विष्णुकांत

मोहम्मद बिलाल, नोएडा:

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किराए की कोख (सरोगेसी) गैंग का सदस्य डॉ. विष्णुकांत दो वर्ष पूर्व नोएडा का मकान बेचकर बेंगलुरु शिफ्ट हो गया था। हालांकि इस बीच कई बार वह किराए की कोख गैंग से जुड़े लीडरों से मुलाकात के लिए दिल्ली-एनसीआर में आता जाता रहा।

आरोपित यहां सेक्टर-93 स्थित सी ब्लाक की एक सोसायटी के एक फ्लैट में रहता था। यहीं से वह दिल्ली के एक अस्पताल में 2010 से 2014 तक बतौर एंब्रियोलॉजिस्ट (फर्टिलिटी विशेषज्ञ) के तौर पर सेवाएं देने के लिए जाता रहा। उस दौरान अस्पताल में सरोगेसी के जरिए मां-पिता बनने के इच्छुक दंपती विदेश से आते जाते रहते थे। आरोपित ने विदेशी दंपती से संपर्क बनाए और बाद में उन्हें अपनी निजी पते पर बुलाने लगा। इस काम में गैंग का एक और सदस्य राहुल भी आरोपित का साथ देता था। क्योंकि, राहुल उस वक्त निजी अस्पताल में टैक्सी संचालित कराने का कार्य करता था। उसकी टैक्सी के जरिये ही अस्पताल में विदेशी दंपति लाए जाते थे। आरोपित ने बाद में नोएडा के मकान से सौदेबाजी करनी शुरू कर दी। यहीं से उसने कई बार नेपाल, केन्या व अन्य दूसरे देशों की यात्रा की। आगरा के गिरोह के नेटवर्क में आने के बाद आरोपित नोएडा का मकान एक व्यक्ति को बेचकर फरार हो गया और बेंगलुरु से गैंग चलाने लगा।

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मुनाफे के लिए एंब्रियोलॉजिस्ट से बना डॉक्टर:

विष्णुकांत फर्टिलिटी विशेषज्ञ है, लेकिन किराए की कोख में होने वाले मुनाफे को देखकर उसने अपने नाम के आगे डॉ. लगाना शुरू कर दिया। सेरोगेसी के जरिये मां-बाप बनने के इच्छुक दंपती को अपने जाल में फंसाता रहा। वह विदेशी दंपती को निशाना बनाता, जिसके बदले उसे मोटी कमाई होती थी। उधर, आरोपित के नोएडा में रहकर प्रैक्टिस करने का कोई लाइसेंस नहीं मिला है, क्योंकि आरोपित एंब्रियोलॉजिस्ट था। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी का कहना है कि उन्हें इस संबंध कोई जानकारी नहीं है।

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काम के दौरान डॉ विशाल से हुई पहचान

आगरा पुलिस बुधवार को आरोपित डॉ. विष्णुकांत की तलाश में नोएडा पहुंची थी, लेकिन आरोपित के नहीं मिलने पर यूरोलॉजिस्ट डॉ. विशाल दत्त से संपर्क किया था। उनसे आरोपित के पते व गैंग के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया था। उधर डॉ. विशाल ने बताया कि वह करीब 10 वर्ष पहले दिल्ली के उस अस्पताल में काम करते थे, जिसमें आरोपित था। इसलिए वह विष्णुकांत व राहुल से परिचित हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों से उनका आरोपितों से कोई संपर्क नहीं है। वर्तमान में वह दिल्ली में अपना खुद का अस्पताल संचालित कर रहे हैं।


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