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ओखला में नाव पर बैठ कर पर्यटक कर सकेंगे पक्षियों का दीदार

ओखला पक्षी विहार में प्रवासी पक्षियों के कलरव देखने आने वाले पर्यटकों बैठने के लिए वन विभाग अलग प्रयोग कर रहा है। वन विभाग पक्षी विहार में बेंच के साथ तीन नावों को पक्षी विहार के किनारे स्थापित कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 09:49 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:08 AM (IST)
ओखला में नाव पर बैठ कर पर्यटक कर सकेंगे पक्षियों का दीदार
ओखला में नाव पर बैठ कर पर्यटक कर सकेंगे पक्षियों का दीदार

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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ओखला पक्षी विहार में प्रवासी पक्षियों के कलरव देखने आने वाले पर्यटकों बैठने के लिए वन विभाग अलग प्रयोग कर रहा है। वन विभाग पक्षी विहार में बेंच के साथ तीन नावों को पक्षी विहार के किनारे स्थापित कर रहा है। इन नावों पर पर्यटक बैठ कर पक्षियों का दीदार कर सकेंगे। अगले सप्ताह तक तीनों नावों को स्थापित कर दिया जाएगा। प्रभागीय वनाधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि ओखला पक्षी विहार में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी पर्यटकों को बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था है। कुछ नए बेंच और लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा पानी के किनारे तीन नावों को स्थापित किया जा रहा है। यह नाव कभी यमुना में इस्तेमाल की जाती थीं। इन नावों को सजाया जा रहा है। नाव पर विभिन्न पक्षियों की फोटो व उनके बारे में जानकारी भी दी जाएगी। पर्यटकों के बैठने के लिए नाव के दोनों तरफ बेंच लगाई जाएंगी। दोनों बेंच के बीच टेबल होगी। जिस पर पर्यटक सामान रख सकते हैं। तीनों नावों को अलग-अलग स्थान पर लगाया जा रहा है। जहां से अधिक से अधिक पक्षियों को देखा जा सके।

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आठ हजार से अधिक पहुंचे प्रवासी पक्षी

पीके श्रीवास्तव ने बताया कि ओखला पक्षी विहार में करीब आठ हजार प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं। इसमें ग्रेटर फ्लेमिगो पक्षियों की संख्या सबसे अधिक है। फ्लेमिग इस बार पूरे वर्ष रहे हैं। सिर्फ बारिश के समय में कुछ दिन नहीं दिखाई दिए थे। दस वर्ष पहले ओखला पक्षी विहार इनका मुख्य ठिकाना हुआ करता था। हाइटेंशन लाइन, डीएनडी पर गुजरने वाले वाहनों व निर्माण कार्य से होने वाले शोर की वजह से यह पक्षी राजस्थान, दिल्ली व अन्य स्थानों को ठिकाना बना लिए थे। भोजन की पर्याप्त उपलब्धता की वजह से अब दोबारा यह पक्षी यहां आकर रहने लगे हैं। यह पक्षी बदलते पर्यावरण के मुताबिक खुद को ढाल चुके हैं। इसके अलावा, ग्रेट ईग्रेट, ब्लैक विगेड स्टिल्ट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, कॉमन कोट, ग्रेलाग गूज, नार्दर्न शोवेलर समेत 35 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षी भी मौजूद हैं।


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