डेंगू के साथ जीका वायरस की रोकथाम के लिए कसी कमर
-जिला मलेरिया विभाग को दी गई जीका वायरस की रोकथाम की जिम्मेदारी जागरण
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-जिला मलेरिया विभाग को दी गई जीका वायरस की रोकथाम की जिम्मेदारी
जागरण संवाददाता, नोएडा :
प्रदेश के कई जिलों में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद गौतमबुद्ध नगर में इसकी रोकथाम के लिए जिला मलेरिया विभाग ने तैयारी शुरू हो गई है। डेंगू के साथ जीका के नियंत्रण की जिम्मेदारी जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) राजेश शर्मा को दी गई है। हालांकि पिछले चार साल से चाइल्ड पीजीआइ में जीका वायरस के लिए नमूनों की जांच हो रही है, अभी तक एक भी नमूने में इस वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
डीएमओ राजेश शर्मा ने बताया कि चाइल्ड पीजीआइ और जिले के कई निजी अस्पतालों में जीका वायरस की जांच की सुविधा उपलब्ध है। चूंकि अबतक एक भी संदिग्ध लक्षण वाला मरीज नहीं मिला है। इसलिए जिला जीका वायरस से अभी अछूता है। डेंगू के संक्रमण को देखते हुए चार लोगों की एलाइजा जांच भी की जा रही है। जीका वायरस के संक्रमण को देखते हुए अभी भी मच्छरों से बचने की आवश्यकता है। डेंगू व जीका दोनों की रोकथाम के लिए प्रयास तेज कर दिया है। जहां अभी तक डेंगू के मरीज मिले हैं, वहां एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है, ताकि मच्छरों के पनपने की आशंका खत्म हो सके। ऐसे मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है जिनमें डेंगू जैसे लक्षण हैं, लेकिन प्लेटलेट्स नहीं गिर रहे हैं। ऐसे मरीजों में जीका की जांच कराई जाएगी। जीका वायरस संक्रमित मरीज को एक साथ तेज बुखार आता है। इसमें पूरा बदन तपने के साथ ही मांसपेशियों में दर्द होता है। अगर जीका वायरस का मरीज मिलता है, तो उसका उपचार किया जाएगा। संदिग्ध मरीज को परिवार के दूसरे सदस्यों से दूर रखा जाए। जीका वायरस से संक्रमित मरीज परिवार के दूसरे सदस्यों को भी संक्रमित कर सकता है। यह वायरस बुखार के दूसरे वायरस से थोड़ा खतरनाक है।