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दस बैंकों को 60 करोड़ की चपत लगाने वाले तीन गिरफ्तार

दस बैंकों को करीब 60 करोड़ रुपये की चपत लगाने के आरोप में सेक्टर-36 साइबर थाना पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित बैंकों से लोन लेने के लिए फर्जी नाम व पते से आइडी बना कर उसे अपनी कंपनी का कर्मचारी बताते थे। फर्जी कागजात से बैंकों में खाता खुलवा कर लोन लेकर फरार हो जाते थे। पुलिस ने आरोपितों से विभिन्न बैंकों के 127 डेबिट कार्ड 6

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:13 AM (IST)
दस बैंकों को 60 करोड़ की चपत लगाने वाले तीन गिरफ्तार
दस बैंकों को 60 करोड़ की चपत लगाने वाले तीन गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा : दस बैंकों को करीब 60 करोड़ रुपये की चपत लगाने के आरोप में सेक्टर-36 साइबर थाना पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित बैंकों से लोन लेने के लिए फर्जी नाम व पते से आइडी बना कर उसे अपनी कंपनी का कर्मचारी बताते थे। फर्जी कागजात से बैंकों में खाता खुलवाकर लोन लेकर फरार हो जाते थे। पुलिस ने आरोपितों से विभिन्न बैंकों के 127 डेबिट कार्ड, 68 पैन कार्ड, 48 आधार कार्ड, 23 मोबाइल, 10 मोहरें, दो कार, 141 चेकबुक समेत अन्य सामान बरामद किया है।

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साइबर थाना के क्षेत्राधिकारी विवेक रंजन राय ने बताया कि एक्सिस बैंक ने सेक्टर-36 साइबर थाना में फर्जीवाड़ा कर लोन लेने की शिकायत दर्ज कराई थी। पांच टीमों ने जांच की। सर्विलांस व मुखबिर की सूचना पर आरोपित अरिदम मैती निवासी पश्चिमी बंगाल, रवि कुमार उर्फ हरीश चंद निवासी पलवल हरियाणा व मोहम्मद शारिक निवासी पहासू बुलंदशहर को सेक्टर-142 स्थित एडवांट टावर से गिरफ्तार किया गया। तीनों ही आरोपित फरीदाबाद हरियाणा में रहते हैं। आरोपितों ने एक्सिस बैंक में करीब पांच वर्ष तक नौकरी की है। उस दौरान उन्हें लोन दिलवाने की प्रक्रिया व कमियों की जानकारी हुई। इसके बाद फरीदाबाद के सेक्टर-16 में एफआइएस ग्लोबल नाम से कंपनी खोली। अरिदम मैती कंपनी का प्रोपराइटर बना और लोगों को लोन दिलाने का झांसा देने लगा। आरोपित लोगों से दस्तावेज लेकर उन्हें अपनी कंपनी का कर्मचारी बना देते थे और उनका बैंक में खाता खुलवा देते थे। उस खाते में कुछ महीने तक सैलरी भेजते थे। इससे उन पर बैंकों को भरोसा हो जाता था। आरोपित फरीदाबाद में एक्सिस बैंक से 21 लोगों के नाम पर एक करोड़ 36 लाख रुपये लोन लेकर कंपनी बंद कर फरार हो गए।

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कबाड़ियों से खरीदते थे स्कूली बच्चों के एडमिशन फार्म

कुछ माह पहले आरोपितों ने सेक्टर-142 स्थित एडवांट टॉवर के सातवें फ्लोर पर ऑफिस खोला। आरोपित कबाड़ियों से विद्यार्थियों के एडमिशन के फार्म खरीदते थे। एडमिशन फार्म में छात्र परिजनों की आइडी व मोबाइल नंबर भी लगाते हैं। जिन विद्यार्थियों का एडमिशन नहीं हो पाता है, उनके फार्म को स्कूल काबड़ियों को बेच देते हैं। फार्म में लगी फोटो से मिलती जुलती अन्य फोटो को गूगल से खोज कर उसका प्रिट निकाल लेते थे। फार्म से प्राप्त आइडी व मोबाइल नंबर व फोटो लेकर फर्जी आइडी बना कर उन्हें अपनी कंपनी का कर्मचारी दिखा देते थे। बैंक में खाता खुलवाकर उसमें सैलरी का पैसा डालते थे और उनके नाम से लोन ले लेते थे।

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मुख्य आरोपित अपने नाम से भी ले चुका है लोन

आरोपित ने अरिदम मैती ने अपने नाम से भी लोन ले चुका है। उसने एक्सिस बैंक से 9 लाख लोन लिया है। इसके अलावा चार अन्य बैंकों से भी करीब 35 लाख रुपये का लोन ले चुका है। फर्जी कागजात लगाकर उसने एक ब्रेजा कार भी खरीदी है। अभी तक आरोपितों की एफआइएस ग्लोबल, विनसम डिजाइन, सत्यम ऑटो कंपोनेंट, स्ट्रेट्राफर आइटी सॉल्यूशन, एग्जेलॉन एजीसीओ, विप्रो, डेल इंटरनेशनल नामक फर्जी कंपनियों का पता चला है। इन कंपनियों में फर्जी आइडी से लोगों को कर्मचारी दिखा कर एक्सिस बैंक, बंधन, कोटैक महिद्रा, एचडीएफसी, एस बैंक, रतन इंडिया, आदित्य बिरला फाइनेंस समेत दस बैंकों व फाइनेंस कंपनियों से करीब 60 करोड़ रुपये का लोन लिया गया है।


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