पराली को लेकर अभी से फूलने लगी प्रशासन की सांस
-पराली जलने से हर साल हवा हो जाती है जहरीली अजब सिंह भाटी ग्रेटर नो
फोटो जीएनपी- 08 -पराली जलने से हर साल हवा हो जाती है जहरीली अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा : पराली का धुआं नागरिकों का दम न घोंट दे, इसके लिए प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। खेतों में इस बार पराली न जलाने के लिए प्रशासन किसानों को जागरूक करेगा। जिलाधिकारी सुहास एलवाइ ने ऐसे स्थानों का चयन करने को कहा है, जहां विगत वर्षों में पराली जलाई गई थी। विभागीय अधिकारी गांवों में पहुंचकर किसानों को जागरूक करेंगे। पराली जलाने का सिलसिला अक्टूबर से शुरू हो जाता है, लेकिन सर्वाधिक प्रभाव नवंबर में दिखाई देता है। पराली जलाने से हवा जहरीली हो जाती है। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। पराली जलाने पर रोक के आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन न होने पर राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) भी नाराजगी जता चुका है। इसके बाद अधिकारी चौकन्ना हैं। हर साल बढ़ जाता है प्रदूषण का स्तर
पराली जलने की वजह से दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ जाता है। पिछले कई सालों से पराली जलने की वजह से प्रदूषण के हालात में कमोबेश कोई बदलाव नहीं आया है। पराली जलने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि इससे मिट्टी की उपजाऊ सतह को भी नुकसान पहुंचता है। मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे यंत्र
पराली जलाने से रोकने के साथ किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कृषि यंत्रों में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर, कटर कम स्प्रेडर, रिवर्सिबल प्लो, रोटरी स्लेसर, जीरोटिल ड्रिल एवं रोटावेटर आदि उपकरण शामिल है। इन यंत्रों की मदद से किसान पराली का निस्तारण कर सकते हैं। कृषि विभाग अनुदान पर किसानों को कृषि यंत्र मुहैया कर रहा है। एनजीटी खुद संभालेगी कमान एनजीटी सैटेलाइट के जरिये उन इलाकों की पहचान करेंगी, जहां पराली जलाई जाएगी। इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जाएगी। प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि वह पराली जलाने वाले किसानों को चिह्नित कर उसके खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाइ करें। पिछले साल भी एनजीटी की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने 28 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। - किसानों को पराली जलाने से रोका जाएगा। किसान नहीं माने तो प्रशासन कार्रवाई करेगा।
-डॉ. मनवीर सिंह, जिला कृषि अधिकारी गौतमबुद्धनगर