छोटी ईकाइयों को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में कमी जरूरी
नोएडा सरकार ने मेक इन इंडिया के लिए कारपोरेट टैक्स में कमी कर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को 30 से 25 फीसद का लाभ दिया था लेकिन प्रोपराइटरशिप कंपनियों को यह लाभ नहीं दिया गया।
कुंदन तिवारी, नोएडा : सरकार ने मेक इन इंडिया के लिए कारपोरेट टैक्स में कमी कर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को 30 से 25 फीसद का लाभ दिया था, लेकिन प्रोपराइटरशिप कंपनियों को यह लाभ नहीं दिया गया। आज भी प्रोपराइटरशिपकंपनियों से सरकार 30 फीसद कारपोरेट टैक्स ले रही है। जबकि देश में सर्वाधिक कंपनियां प्रोपराइटरशिप पर ही संचालित होती हैं। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बाद में बनती हैं। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि लाकडाउन के बाद अनलाक में सितंबर के बाद औद्योगिक सेक्टरों में खोली गई प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों से सरकार 15 फीसद ही कारपोरेट टैक्स ले रही है। ऐसे में अब औद्योगिक सेक्टरों से मांग उठने लगी है कि प्रोपराइटरशिप वाली कंपनियों से कारपोरेट टैक्स 15 फीसद लिया जाए। चूंकि कोरोना संकट काल में सबसे अधिक नुकसान छोटी इकाइयों को हुआ है। इसलिए आम बजट में सरकार को छोटी इकाइयों के टैक्स में भारी कमी करनी चाहिए, आज देश को सबसे अधिक जरूरत छोटी इकाइयों को बढ़ावा दिए जाने की है।
-----------
कोरोना काल के बाद इकाइयों के संचालन में दिक्कत आ रही है। इसलिए अब टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव करने की जरूरत है। आम बजट में सरकार को देखना चाहिए।
-संदीप विरमानी, सेक्टर सचिव, एनइए
-----------
कोई भी कारोबारी छोटा काम शुरू करके ही आगे बढ़ता है, इसलिए छोटी इकाइयों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को भी लाभ मिले, लेकिन प्रोपराइटरशिप वाली इकाइयां लाभ से वंचित न रहें।
-अंकुर संगल, सचिव, आइआइए
-----------
सरकार को छोटे कारोबारियों को बचाने की जरूरत है, जिससे बेरोजगारी की समस्या पर अंकुश लग सके, देश में बड़े पैमाने पर प्रोपराइटरशिप वाली कंपनियों के जरिये काम हो रहा है।
-राम अवतार सिंह, चेयरमैन, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल
----------
छोटे कारोबार के जरिये कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, ऐसे में आज देश को ऐसे ही कारोबारी की आवश्यकता है, जो काम भी करें और रोजगार भी उपलब्ध करा सहयोग दें।
-राहुल मल्होत्रा, एमडी, डिजाइन करी