Move to Jagran APP

अब 'मिहिर' लगाएगा मौसम का सटीक पूर्वानुमान

जागरण संवाददाता, नोएडा : अब मौसम का और सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। 'मिहिर' इसमें महत्

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 03:00 AM (IST)
अब 'मिहिर' लगाएगा मौसम का सटीक पूर्वानुमान
अब 'मिहिर' लगाएगा मौसम का सटीक पूर्वानुमान

जागरण संवाददाता, नोएडा : अब मौसम का और सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। 'मिहिर' इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नोएडा स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र में मंगलवार को 2.8 पेटा फ्लॉप क्षमता के सुपर कंप्यूटर (एचपीसी) 'मिहिर' का केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण व वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उद्घाटन किया।

loksabha election banner

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मिहिर की स्थापना के बाद मौसम पूर्वानुमान में भारत की क्षमता और बढ़ जाएगी। पहले सुपर कंप्यूटर या एचपीसी (हाई परफॉरमेंस कंप्यूटर) की सुविधा के मामले में भारत की रैं¨कग 368 थी, लेकिन अब हम शीर्ष 30 में पहुंच जाएंगे। इसके अलावा मौसम को समर्पित एचपीसी के मामले में भारत जापान, ब्रिटेन और अमेरिका के बाद चौथे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में सुनामी के वक्त हमारे पास इतने आधुनिक सिस्टम नहीं थे, लेकिन अब हमने काफी इंप्रूव कर लिया है। कई देशों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा किसानों और मछुवारों तक पहुंच कर उन्हें सटीक जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा पानी की समस्या और भूकंप पर भी शोध चल रहा है।

कार्यक्रम में अर्थ सिस्टम साइंस में शोध पर आधारित बिब्लियोमेट्रिक एनालिसिस रिपोर्ट भी रिलीज की गई। इस दौरान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. एन. राजीवन, आईएमडी के डीजी डॉ. केजे रमेश, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नोएडा के निदेशक डॉ. ई.एन. राजगोपाल समेत अन्य लोग मौजूद थे।

-----------

450 करोड़ रुपये आई लागत :

नोएडा से पहले आठ जनवरी को पुणे के भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आइआइटीएम) में चार पेटा फ्लॉप क्षमता के सुपर कंप्यूटर (एचपीसी) का उद्घाटन किया गया था। दोनों की स्थापना में 450 करोड़ रुपये की लागत आई है। दोनों नए सुपर कंप्यूटर को मिलाकर अब भारत के पास आठ पेटा फ्लॉप क्षमता का कंप्यूटर (एचपीसी) हो गया है।

-----------

मिहिर का ये होगा लाभ :

- देश में ब्लॉक स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा

- अधिक सटीकता के साथ चक्रवात की भविष्यवाणी संभव होगी

- सुनामी में अधिक समय के साथ पूर्वानुमान संभव

- मध्यम अवधि यानी 7-10 दिन और सटीक पूर्वानुमान मिलेगा

- समुद्र और लैंड सरफेस की डिटे¨लग की संभव

- शोध छात्र भी इसका लाभ उठा सकेंगे

---------

इनसेट

पहाड़ी राज्यों में वार्निंग सिस्टम विकसित होंगे :

जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्यों में वार्निंग सिस्टम विकसित किए जाएंगे। ताकि लोगों को समय पर प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए सतर्क किया जा सके। इस पर काम चल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.