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एसडीएस व ग्रीन वे के खिलाफ आरसी जारी

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण ने एसडीएस इंफ्राकॉन व ग्रीन वे इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डर

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 08:48 PM (IST)
एसडीएस व ग्रीन वे के खिलाफ आरसी जारी
एसडीएस व ग्रीन वे के खिलाफ आरसी जारी

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण ने एसडीएस इंफ्राकॉन व ग्रीन वे इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी की है। प्राधिकरण की बकाया रकम का भुगतान न करने एवं निवेशकों की रकम हड़पने पर बिल्डरों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। तहसील प्रशासन बिल्डरों से प्राधिकरण की बकाया रकम वसूल करेगा। रकम का भुगतान न करने पर उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है। इससे पहले प्राधिकरण ने दोनों बिल्डरों के खिलाफ कासना कोतवाली में मामला भी दर्ज कराया था। कासना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बिल्डर समेत अन्य श्रेणी के बकायेदारों की सूची भी तैयार हो रही है।

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ग्रीन वे इंफ्रास्ट्रक्चर एवं एसडीएस इंफ्राकॉन बिल्डर को प्राधिकरण ने विभिन्न सेक्टरों में भूखंड आवंटित किए थे। बिल्डरों ने इस पर आवासीय योजना निकाल कर बु¨कग की। लेकिन निवेशकों को समय से भूखंड एवं फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया गया। प्राधिकरण की ओर से दिसंबर-जनवरी में कराए गए बिल्डर परियोजना के ऑडिट में सामने आया था कि एसडीएस बिल्डर ने निवेशकों की 182.44 करोड़ व ग्रीन वे बिल्डर ने 173.10 करोड़ रुपये को दूसरी कंपनियों ने निवेश कर दिया है। इस वजह से परियोजना का कार्य अधर में लटक गया। इसके अलावा ग्रीन वे बिल्डर पर दिसंबर 2017 तक प्राधिकरण का 380 करोड़ व एसडीएस पर 280 करोड़ रुपये बकाया हो चुका था। प्राधिकरण ने बिल्डरों को नोटिस जारी कर बकाया रकम का भुगतान करने एवं निवेशकों से वसूली गई धनराशि को एस्क्रो अकाउंट खोलकर उसमें जमा कराने के निर्देश दिए थे, ताकि प्रोजेक्ट का कार्य पूरा कराया जा सके। लेकिन बिल्डरों ने रकम जमा नहीं कराई। प्राधिकरण ने दोनों बिल्डरों के खिलाफ जून में कासना कोतवाली में मामला दर्ज कराया था। बकाया रकम का भुगतान न करने पर दोनों बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी की है। रकम का भुगतान न करने पर बिल्डरों की संपत्ति जब्त की जा सकती है। बकाया भुगतान न करने पर बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी करने का यह संभवत: पहला मामला है। प्राधिकरण अन्य श्रेणी के आवंटियों की सूची भी तैयार कर रहा है। जिन्होंने निवेशकों से रकम लेकर प्रोजेक्ट का कार्य पूरा नहीं किया है। उनके खिलाफ भी जल्द सख्त कार्रवाई हो सकती है। बिल्डरों पर प्राधिकरण का करीब 2800 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि यमुना प्राधिकरण 25 सौ करोड़ रुपये का बैंक का कर्जदार है। हर माह प्राधिकरण बैंक को बड़ी रकम ब्याज के रूप में देता है। बकाया रकम मिलने से प्राधिकरण पर कर्ज का बोझ कम हो सकता है।

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सीईओ से मिले जेपी बिल्डर के निवेशक

जेपी बिल्डर के प्रभावित निवेशक ने मंगलवार को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर ¨सह से मिले। उन्होंने सीईओ से कहा कि प्राधिकरण ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जेपी की जमीन वापस लेकर निवेशकों की डूबी रकम वापस दिलाई जाएगी। लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सीईओ ने उन्हें बताया कि एनसीएलटी को इस संबंध में पत्र भेजा गया था। निवेशकों ने सीईओ से कहा कि उनका मामला भी रेरा को ट्रांसफर किया जाए ताकि उन्हें रेरा में अपना पक्ष रखने का मौका मिले। बॉक्स

दादरी प्रशासन ने रेरा के 52 लाख वसूले

दादरी तहसील प्रशासन ने नोएडा के सेक्टर 62 स्थित एम्स गार्डेनिया से 52 लाख रुपये की वसूली की है। एसडीएम दादरी अंजनी कुमार ने बताया कि एम्स गार्डेनिया के खिलाफ रेरा ने 52 लाख रुपये की आरसी जारी की थी। इस धनराशि की तत्काल वसूली की गई है। एसडीएस इंफ्राकॉन व ग्रीन वे इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ आरसी जारी की है। दोनों पर प्राधिकरण की धनराशि बकाया है। दोनों बिल्डर निवेशकों से वसूली गई रकम का हिसाब प्राधिकरण को नहीं दे सके थे। उनके खिलाफ कासना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ यमुना प्राधिकरण


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