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आशियाना बचाने के लिए कलक्ट्रेट-प्राधिकरण पर शाहबेरी के लोगों ने किया प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में कायदे-कानून को दरकिनार कर खड़ी की गई बहुमंजिला इमारतों के जमींदोज करने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बैकफुट पर आ गया है। इमारतों के जमींदोज करने के शासन के निर्देश के बाद प्राधिकरण ने सोमवार को शाहबेरी में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की रूपरेखा तैयार की थी। इसकी भनक लगते ही यहां रहने वाले करीब दस हजार से अधिक परिवार के लोग जिला प्रशासन व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ खड़े हो गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 07:57 PM (IST)
आशियाना बचाने के लिए  कलक्ट्रेट-प्राधिकरण पर शाहबेरी के लोगों ने किया प्रदर्शन
आशियाना बचाने के लिए कलक्ट्रेट-प्राधिकरण पर शाहबेरी के लोगों ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में अवैध बहुमंजिला इमारतों को जमींदोज करने के मामले में लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां रहने वाले लोगों ने कलक्ट्रेट व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पर सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। दर्जनों की संख्या में कलक्ट्रेट पहुंचे लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग की। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर करीब एक घंटे तक प्रदर्शन किया। इन खरीदारों को समझाने आए ओएसडी सचिन कुमार के साथ लोगों ने बातचीत करने से इन्कार दिया। इसके बाद एसीईओ केके गुप्त से उनकी बातचीत कराई गई। एसीईओ ने शाहबेरी में रहने वाले लोगों को दो दिन बाद बातचीत के लिए बुलाया है। उन्होंने कहा कि शाहबेरी में रहने वाले व फ्लैट खरीदने वाले लोगों की समस्या के मामले में उच्चाधिकारियों से वार्ता के बाद निर्णय लिया जाएगा। ज्ञात हो कि शाहबेरी में रहने वाले करीब 25 हजार से अधिक परिवार के लोग सहमे हैं। उन्हें सिर से छत छिनने का डर सता रहा है। प्राधिकरण व प्रशासन के पास अवैध इमारतों में फ्लैट खरीदकर जीवन भर की कमाई लगा चुके लोगों के विस्थापन को लेकर अभी तक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार नहीं हैं।

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अवैध इमारत ध्वस्त करने की तारीख तय करेगा प्रशासन : लोगों के विरोध प्रदर्शन के चलते प्राधिकरण व जिला प्रशासन के बीच होने वाली बैठक को भी फिलहाल टाल दिया गया है। शाहबेरी में बनी अवैध इमारतों को ध्वस्त करने की रूपरेखा इसी बैठक में तैयार की जानी थी। अवैध इमारतों को जमींदोज करने की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। शाहबेरी में पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराने के साथ इमारतों को खाली कराने की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन की होगी। जिला प्रशासन की हरी झंडी के बाद प्राधिकरण का बुलडोजर शाहबेरी में चलेगा।

अगस्त 2018 में दो इमारतों के गिरने के बाद सुर्खियों में आया था शाहबेरी : शाहबेरी का जमीन अधिग्रहण रद होने के बाद छोटे-छोटे बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीद ली। प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में होने के बावजूद बड़े बिल्डरों के नाम से मिलता-जुलता नाम रख कर अवैध रूप से इमारतें खड़ी कीं। कम दाम का लालच देकर फ्लैट खरीदारों को फंसाया। बैंक से लोन कराया व इसकी रजिस्ट्री भी कराई। अगस्त 2018 को दो छह मंजिला इमारत के जमींदोज होने से उसमें दबकर नौ लोगों की मौत हो गई। इस प्रकरण के बाद शाहबेरी सुर्खियों में आया था। दो बार हो चुकी है शासन स्तर पर बात : अगस्त 2018 के बाद शाहबेरी की अवैध इमारतों को ध्वस्त करने को लेकर शासन स्तर पर दो बार बैठक हो चुकी है। बैठक में प्रदेश सरकार को स्थिति से अवगत कराया गया। शासन ने प्राधिकरण व जिला प्रशासन को शाहबेरी में बनी अवैध इमारतों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया। इस फैसले ने यहां के लोगों की परेशानी बढ़ा दी।

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