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रालोद ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के विरोध में सौंपा ज्ञापन

जासं ग्रेटर नोएडा पेट्रोल व डीजल की कीमतों में रोजाना वृद्धि हो रही है। इसके विरोध में मंगलवार को रालोद के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व एमएन उपाध्याय को सौंपा। पार्टी जिलाध्यक्ष जर्नादन भाटी ने एडीएम को सौंपे ज्ञापन में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए कहा कि पिछले एक सप्ताह में पांच से छह रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 08:18 PM (IST)
रालोद ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के विरोध में सौंपा ज्ञापन
रालोद ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के विरोध में सौंपा ज्ञापन

जासं, ग्रेटर नोएडा : पेट्रोल व डीजल की कीमतों में रोजाना वृद्धि हो रही है। इसके विरोध में मंगलवार को रालोद के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व एमएन उपाध्याय को सौंपा। पार्टी जिलाध्यक्ष जर्नादन भाटी ने एडीएम को सौंपे ज्ञापन में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए कहा कि पिछले एक सप्ताह में पांच से छह रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई। इसकी मार आम आदमी पर सर्वाधिक पड़ेगी। डीजल की दरें बढ़ने से फल, सब्जी, राशन की दरों में बढ़ोतरी होगी। कोरोना महामारी की वजह से आम जनता की कमर पहले से टूटी चुकी है। लोगों के रोजगार छिन रहे हैं। उद्योग बंदी की कगार पर हैं। व्यापारी, मजदूर, श्रमिक सब आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की दरों पर केंद्र सरकार को लगाम लगानी चाहिए। रालोद कार्यकर्ताओं ने कहा कि पेट्रोल व डीजल पर सर्वाधिक टैक्स भारत में लिया जा रहा है। केंद्र सरकार को टैक्स घटाकर दर कम करनी चाहिए। इससे आम जनता को राहत मिलेगी। इस मौके पर विजय यादव, मनोज चौधरी, बलराज हूण, गजेंद्र सिंह,नीरज शर्मा भी मौजूद रहे। किसान सभा ने किया विरोध प्रकट

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जासं, ग्रेटर नोएडा : अखिल भारतीय किसान सभा ने मंगलवार को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रतिरोध दिवस मनाया। इस दौरान हाथों में तख्ती लेकर मजदूरों की समस्याओं को हल करने की मांग की गई। श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी नियमों को वापस लेने, प्रत्येक मजदूर को छह महीने तक दस किलो राशन हर माह निश्शुल्क देने, मनरेगा बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन करने की मांग की गई। नोएडा, ग्रेटर नोएडा के किसानों की समस्याओं का समाधान न करने पर विरोध जताया गया। प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया कि वह किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। किसानों की आबादी की बैकलीज एसआइटी जांच के नाम पर रोक रखी है। दस फीसद भूखंड आवंटन नहीं किए जा रहे हैं। सभी किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने की बात थी, लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। इस मौके पर रूपेश वर्मा, वीर सिंह नागर, संदीप भाटी, वीरसैन नागर, चमन नागर मौजूद रहे।


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