पुन: प्रेषित : शिक्षको ने बदली परिषदीय स्कूलों की तस्वीर
घनश्याम पाल, बिलासपुर सरकारी स्कूल अक्सर सरकारी मदद पर ही निर्भर रहते हैं, शिक्षक फंड के अभाव का
घनश्याम पाल, बिलासपुर सरकारी स्कूल अक्सर सरकारी मदद पर ही निर्भर रहते हैं, शिक्षक फंड के अभाव का रोना रोते हुए स्कूलों को उनकी दशा पर छोड़ देते हैं, लेकिन इन सबसे उलट कुछ शिक्षक ऐसे भी होते हैं जो निजी प्रयासों से परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प करने का हौसला रखते हैं। हर बदलाव के लिए सरकारी मदद की अपेक्षा रखने वाले शिक्षकों के लिए दनकौर विकासखंड के ग्राम पंचायत जुनेदपुर स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय भाटी नजीर बन गए हैं। उक्त स्कूल में पौधरोपण, विद्युत जनरेटर से लेकर बेहतर साफ-सफाई कर निजी स्कूलों की तर्ज पर सुसज्जित किया गया है। मंडलस्तरीय प्रतियोगिता में छात्रों ने जीते मेडल : बेहतर शिक्षण व्यवस्था के साथ ही उक्त स्कूल के विद्यार्थी मंडल स्तरीय विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल तक हासिल कर चुके हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य व अन्य शिक्षकों ने आपसी सहयोग से विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक सामग्रियों के साथ ही खेलकूद की सामग्रियों को उपलब्ध कराया है। स्कूल के बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर, पीने के पानी टंकी, हर समय शुद्ध पेय जल के लिए समरर्सिबल पंप के साथ ही झूले इत्यादि लगाए गए हैं। विद्यार्थियों को दी जा रही यह सुविधाएं : उक्त स्कूल में ध्वजारोहण के लिए ध्वजारोहण मंच भी बनाया गया है। इसके अलावा स्कूल परिसर में रखे दर्जनों गमलों में पौधों की हरियाली सुंदरता में चार-चांद लगा रही है। पढ़ाई के लिए व्हाइट बोर्ड व स्वच्छता को देखते हुए शौचालय में साबुन व तौलिया भी रखी जाती है। अच्छे विचारों से प्रेरणा लेने के लिए स्कूल परिसर में दीवारों पर महान विभूतियों की तस्वीरें व पुस्तकालय में बेहतर किताबें मुहैया कराई जा रही हैं।
स्कूल में विद्यार्थियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए हम प्रयासरत हैं। अब गाँव के लोगों व पूर्व छात्रों का भी सहयोग मिल रहा है।
- संजय कुमार भाटी, प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जुनेदपुर