सोसायटीवासियों ने बिल्डर के खिलाफ किया प्रदर्शन
सेक्टर-77 स्थित अंतरिक्ष केनवाल सोसायटी के निवासियों ने रविवार को विभिन्न मांगों को लेकर बिल्डर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सोसायटी के बच्चों से लेकर महिलाओं तक सभी ने बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी भी की। निवासियों का आरोप है कि सोसायटी के फ्लैटों में बिल्डरों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है। और बिना रजिस्ट्री के लोगों को बेचा जा रहा है। इसके अलावा सोसायटी की करीब 50 प्रतिशत से भी अधिक लिफ्ट खराब पड़ी है। लिफ्ट की एएमसी भी
जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-77 स्थित अंतरिक्ष केनवाल सोसायटी के निवासियों ने रविवार को विभिन्न मांगों को लेकर बिल्डर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सोसायटी के बच्चों से लेकर महिलाओं ने भी बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी भी की। निवासियों का आरोप है कि सोसायटी के फ्लैटों में बिल्डरों द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है। और बिना रजिस्ट्री के लोगों को बेचा जा रहा है। इसके अलावा सोसायटी की करीब 50 प्रतिशत से भी अधिक लिफ्ट खराब पड़ी है। बेसमेंट में जलभराव होने के कारण सोसायटी की नीव कमजोर होती जा रही है। बिल्डर से कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। बिल्डर को प्राधिकरण की ओर से कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। इसके अलावा तीन साल का मेंटेनेंस चार्ज भी मांगा जा रहा है। बता दें कि सोसायटी को बने करीब 3 साल हो गए है। यहां पर कुल 560 फ्लैट है इसमें से 300 फ्लैटों में लोग रह रहें है। सोसायटी मेंबेसमेंट सहित अन्य कार्य पूरा नहीं किया गया है। बिल्डर हमारी मांगे सुनने को तैयार ही नहीं।
संतोष, निवासी बिल्डर द्वारा मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं किया जा रहा है बावजूद इसके मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाया जा रहा है। सोसायटी में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए गए है।
गीता पंत, निवासी पार्किंग की नालियों में भरा गंदा पानी कई बीमारियों को न्यौता दे रहा है वहीं, दूसरी ओर बेसमेंट का अधूरा काम भी हमारी परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
शायना, निवासी बिल्डर अपना अधूरा काम पूरा न करने के बजाय अवैध निर्माण करता जा रहा है। लिफ्ट का भी रखरखाव नहीं किया जा रहा। फ्लैट लेते समय किए गए सारे वादे झूठ सबित हो रहें है।
विरेंद्र ¨सह, निवासी लिफ्ट की एएमसी करा दी गई है। पिछले कई सालों से सोसायटी के लोगों से बिजली का बिल भी नहीं लिया जा रहा है। 40 लाख रुपये बिल्डर को खुद से देने पड़ रहे है। इसके बाद भी यह स्थिति है। रही बात अवैध निर्माण की तो कहीं अवैध निर्माण नहीं किया जा रहा है।
विजय पंडित, प्रोजेक्ट मेनेजर