कोरोना काल से खेल प्रशिक्षक भी हुए प्रभावित
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन होने से खेल की गतिविधि
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन होने से खेल की गतिविधियां बंद थीं। हालांकि, अनलॉक-एक से कुछ गतिविधियों को नियमों के साथ शुरू करने की सरकार ने इजाजत दे दी है। बावजूद अधिकतर गतिविधियां अभी भी बंद हैं। स्वजन कोरोना की वजह से बच्चों को बाहर नहीं भेजना चाहते। ऐसे में खेल प्रशिक्षकों के लिए कोरोना आर्थिक तंगी लेकर आया। प्रशिक्षकों का कहना है कि घर चलाने के लिए कर्ज लेकर काम चला रहे हैं।
स्केटिग कोच आकाश रावल ने बताया कि और कोरोना काल खेल प्रशिक्षक अंपायरों के लिए अच्छा नहीं रहा। उनका जीवन खेल प्रतियोगिता व प्रशिक्षण पर निर्भर करता था। पिछले ढाई महीनों से ये गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं। लॉकडाउन होते ही शासन की तरफ से इन गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। उनकी तरफ से कहा गया था कि किसी की सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी। ढाई महीने से सभी खेल की गतिविधिया बंद हैं। ऐसे में खेल प्रशिक्षक आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने लॉकडाउन 4.0 में सरकारी स्टेडियम खोलने के निर्देश दे दिए थे। इसके बावजूद खेल की गतिविधियां सुचारु तौर पर शुरू नहीं हो पाई है। वहीं, स्टेडियम के बाहर निजी एकेडमी चलाने वाले खेल प्रशिक्षकों के लिए कोरोना काल का समय बहुत ही दुखद है। उनको घर का खर्च चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। सरकार से निवेदन है कि मॉल और धार्मिक स्थलों को नियम पालन करते हुए खोलने की मंजूरी दी गई है। ऐसे ही खेल की गतिविधियों को भी नियमों का पालन करते हुए शुरू करने की मंजूरी दी जाए।