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जनसुनवाई में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध

सेक्टर-62 के एक्सपो सेंटर में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने 15 फीसदी विद्युत टैरिफ दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जनसुनवाई का आयोजन किया। इस पर वहां मौजूद किसानों शहरवासियों उद्यमियों सभी ने विरोध किया। किसानों ने तो टैरिफ दर बढ़ने पर आत्महत्या और प्रदेश में बिजली आपूर्ति ठप करने तक की धमकी दे दी। जनसुनवाई के दौरान हर वक्त टैरिफ दर बढ़ाने का विरोध जारी रहा। वहीं उस समय निगम के अधिकारियों की किरकिरी हो गई

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 10:31 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 10:31 PM (IST)
जनसुनवाई में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध
जनसुनवाई में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-62 के एक्सपो सेंटर में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने 15 फीसदी विद्युत टैरिफ दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जनसुनवाई का आयोजन किया। इस पर वहां मौजूद किसानों, शहरवासियों, उद्यमियों सभी ने विरोध किया। किसानों ने तो टैरिफ दर बढ़ने पर आत्महत्या और प्रदेश में बिजली आपूर्ति ठप करने तक की धमकी दे दी। जनसुनवाई के दौरान हर वक्त टैरिफ दर बढ़ाने का विरोध जारी रहा। वहीं उस समय निगम के अधिकारियों की किरकिरी हो गई, जब बीच बैठक में आपूर्ति ठप हो गई। हॉल में मंच पर बैठे अधिकारियों के पास मोबाइल की टॉर्च चलाई गई। वहीं मौजूद भीड़ भी मोबाइल की टॉर्च जलाकर बिजली आपूर्ति का इंतजार करने लगी। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जनसुनवाई शुरू हुई। इसमें नियामक आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह ने जनसुनवाई का संचालन किया। जनसुनवाई में निदेशक (टैरिफ) अमित भार्गव, सदस्य केके सिंह, निदेशक कामर्शियल राज कुमार अग्रवाल व एनपीसीएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) आरसी अग्रवाल मौजूद रहे।

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टैरिफ का जमकर किया विरोध

जनसुनवाई में एक-एक करके किसान, उद्यमी, व्यापारी, सोसायटी निवेशक व आम उपभोक्ताओं ने टैरिफ दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराई। लोगों ने निगम के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बिजली आपूर्ति की आड़ में की जा रही वसूली की भी शिकायतें की। शुरू से अंत तक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का दबदबा रहा। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने विरोध दर्ज कराया। भाकियू ने विभाग के खिलाफ बीच-बीच में नारेबाजी भी की। वहीं बिजली अधिकारी धैर्यपूवर्क किसानों की बातें सुनते रहे। हल्की नोकझोंक के बीच शांति पूर्ण तरह से जनसुनवाई संपन्न हुई। नियामक आयोग के चेयरमैन राज प्रताप सिंह ने कहा कि नियामक आयोग द्वारा सभी पक्षों की बातें सुनने के बाद निर्णय लिया जाता है। नियामक आयोग द्वारा एकपक्षीय निर्णय नहीं लिया जाता है। विभागीय अधिकारी सरकार द्वारा बनाए गए विद्युत अधिनियम के तहत ही कार्य करते हैं। विभाग उपभोक्ताओं के हितों में ही निर्णय लेता है।

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टैरिफ बढ़ा तो ठप कर दी जाएगी बिजली आपूर्ति : टिकैत

किसानों के खेतों से होकर ही खंभे गुजर रहे हैं, प्रदेश में यदि बिजली दर बढीं, तो पूरे सूबे में किसान बिजली आपूर्ति ठप कर देंगे। ये बातें जनसुनवाई में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा किसान हित में होती है। लेकिन अधिकारी उनकी मंशा पर पानी फेर देते हैं। किसानों के हित में बिजली अधिकारियों को कार्य करने होंगे। किसानों की शिकायतों को आदेशों में शामिल नहीं किया जाएगा तो किसान प्रदेश में जनसुनवाई के कार्यक्रम नहीं होंगे देंगे। बिजली निगम के खिलाफ भाकियू द्वारा पांच अगस्त को भी मेरठ में विशाल धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। सूबे के किसानों को देश के हरियाणा, तेलंगाना, कर्नाटक व तमिलनाडु आदि प्रदेशों की तरह ही फ्री में बिजली दी जाए। शुल्क लेना ही है, तो शहरी की तुलना में चालीस फीसद ही शुल्क लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के जर्जर बिजली ढांचे को सुधारा जाए। किसानों के बिल की राशि को गन्ने के भुगतान के बकाया राशि से काट दिया जाए।

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अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ सीजीएफएल में करें शिकायत

नियामक आयोग के चैयरमेन राज प्रताप सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह से प्रताड़ित करने या रिश्वत मांगने पर उपभोक्ता सीजीएफएल में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सीजीएफएल में 80 से 90 फीसद निर्णय उपभोक्ताओं के हितों में आते हैं। इसके साथ ही सरकार से मांग की जाएगी कि किसानों को अगल से सब्सिडी दी जाए। सोलर सिस्टम लगाने के लिए भी सब्सिडी दी जाए। उपभोक्ता हित में प्री-पेड लगाए जा रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से उपभोक्ता हित में कार्य नहीं कर रहे हैं। जर्जर बिजली के तार व खंभे बदलने पर भी कार्रवाई की जाएगी। पीजी एसोसिएशन के पीजी पर कॉमर्शियल शुल्क के बजाय घरेलू शुल्क लगाने पर निर्णय नहीं दिया जाएगा। पीजी कॉमर्शियल शुल्क के दायरे में आता है। डूब क्षेत्रों में भी बिजली कनेक्शन देने पर जल्द जनहित में निर्णय लिया जाएगा। बाकी अन्य वर्गों व संगठनों द्वारा उठाए गए बिदुओं पर विचार-विमर्श करके निर्णय लिया जाएगा।

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बीच बैठक में चली गई बिजली

दोपहर करीब एक बजे अचानक बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बिजली जाते ही शोर मच गया। करीब आधे घंटे तक आपूर्ति सुचारु नहीं हो सकी। नोएडा जोन के अधिकारियों के बीच अफरातफरी का माहौल हो गया। अधिकारी फोन मिलाकर अवर अभियंता और एसडीओ से जानकारी मांगते रहे। वहीं हॉल में बैठे लोग निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे।

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खेतों में लगे खंभों पर मिले मुआवजा

एक किसान ने सुनवाई में कहा कि शहरों में यह लोग अपने प्लॉट व घरों के सामने खंभे नहीं लगने देते, तो किसानों के खेतों में बिजली निगम किस आधार पर खंभे लगाता है। खेतों में खंभे लगे होने से हादसे का डर बना रहता है। मांग की कि खेतों में लगे खंभों पर निगम को किसानों को मुआवजा देना चाहिए।

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