गांवों के चौकीदारों को एक साल से नहीं मिली पगार
गौतमबुद्ध नगर के 327 गांवों में पुलिस के सहयोगी 425 चौकीदार पिछले एक वर्ष से बेपगार काम कर रहे हैं। उपेक्षा के शिकार यह चौकीदार विभाग की अनदेखी से खासे नाराज हैं। गांवों में होने वाली आपराधिक घटनाएं व शरारती तत्वों आदि की जानकारी देने के लिए विभाग की तरफ से इनकी नियुक्ति की जाती है। अधिकांश चौकीदारों को पिछले एक वर्ष से जबकि कुछ को तो करीब पांच वर्षो से पगार नहीं मिली है। यह चौकीदार पगार के लिए विभाग के चक्कर लगाते हैं लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। नगर क्षेत्र के एक बड़ी आबारी वाले गांव में नियुक्त चौकीदार ने बताया कि विभाग की तरफ मिलने वाली मामूली पगार भी उसे पिछले पांच वर्ष से नहीं मिली है। हालांकि उसने अपना नाम न उजागर करने की गुजारिश की।
सुरेंद्र राम, नोएडा
गौतमबुद्ध नगर के 327 गांवों में पुलिस के सहयोगी 425 चौकीदार पिछले एक वर्ष से बिना पगार काम कर रहे हैं। उपेक्षा के शिकार यह चौकीदार विभाग की अनदेखी से खासे आहत हैं। गांवों में होने वाली आपराधिक घटनाएं व शरारती तत्वों आदि की जानकारी देने के लिए विभाग की तरफ से इनकी नियुक्ति की जाती है। अधिकांश चौकीदारों को पिछले एक वर्ष से जबकि कुछ को तो करीब पांच वर्षों से पगार नहीं मिली है। वे विभाग के चक्कर लगाते हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
नगर क्षेत्र के बड़ी आबादी वाले गांव में नियुक्त चौकीदार ने बताया कि विभाग की तरफ से मिलने वाली मामूली पगार भी उसे पिछले पांच वर्ष से नहीं मिली है। हालांकि, उन्होंने अपना नाम न उजागर करने की गुजारिश की। विभाग में उपेक्षा के शिकार इस चौकीदार ने बताया कि उन्हें महीने में दो बार कोतवाली जाकर हाजिरी लगानी होती है। उन्हें अकाउंट विभाग में जाकर बैंक खाता सही कराने के लिए बोला जाता है। पांच वर्षो में कई बार वह खाता नंबर दे चुके हैं, लेकिन फिर भी उन्हें अब तक मायूसी ही हाथ लगी। एक अन्य चौकीदार ने बताया कि उन्हें फरवरी 2018 में आखिरी बार पगार मिली थी। जनवरी में एसएसपी को शिकायत पत्र देकर पगार दिलाने की मांग भी कर चुके हैं। पहले पगार के अलावा धोती, कोट, साइकिल व टार्च भी मिलती थी लेकिन पांच वर्ष से वह भी नहीं मिली।
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थानों में नहीं मिलता उचित सम्मान
पगार ही नहीं, विभाग व थानों में उचित सम्मान नहीं मिलने से भी चौकीदारों की नाराजगी है। चौकीदारों का कहना है कि अब तो पुलिस किसी घटना या दबिश के दौरान उन लोगों की मदद भी नहीं लेती। पहले गांवों का जायजा लेने के लिए सीनियर अधिकारी बैठक करते थे, लेकिन लंबे समय से कोई बैठक नहीं हुई है। चुनाव में भी अब ड्यूटी नहीं लगाई जाती है।
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महंगाई के अनुसार पगार बढ़ाने की मांग
जिले में चौकीदारों की नियुक्ति जिलाधिकारी करते हैं। पुलिस व गांवों के बीच कड़ी का काम चौकीदार करते हैं। पहले 300 रुपये प्रतिमाह पगार मिलती थी तो अब बढ़कर 1500 रुपये हुई है। चौकीदारों के अनुसार मार्च में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2500 रुपये प्रतिमाह पगार देने की घोषणा की है। चौकीदार राज्य कर्मचारी का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
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जिन चौकीदारों को पगार नहीं मिल रही है, जिनके बैंक खाता में गड़बड़ी है या कुछ और तकनीकी समस्या है। जल्द ही चौकीदार सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें उनकी समस्याओं को सुनकर निस्तारित कराया जाएगा।
- वैभव कृष्ण, एसएसपी, नोएडा