केरल में बाढ़ से अपनों के लिए ¨चतित है लोग
केरल में 94 साल बाद बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसके बारे में सोच कर भी लोग सहम गए है। केरल में बारिश के इस रौद्ररूप को देख कर शहर में रहने वाले वहां के निवासियों की डर के मारे नींद उड़ गयी है। लगाता केरल में 94 साल बाद बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसके बारे में सोच कर भी लोग सहम गए है। केरल में बारिश के इस रौद्ररूप को देख कर शहर में रहने वाले वहां के निवासियों की डर के मारे नींद उड़ गयी है। लगाता
जागरण संवाददाता, नोएडा
केरल में 94 साल बाद बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसके बारे में सोच कर भी लोग सहम गए हैं। केरल में बारिश के इस रौद्ररूप को देख शहर में रहने वाले निवासियों की डर के मारे नींद उड़ गयी है। लगातार बारिश होने से जलस्तर बढ़ने के साथ- साथ लोगों के मन में अपनों के लिए परेशानियां भी बढ़ गई हैं। बता दें कि शहर में रहने वाले दक्षिण भारतीय लोगों के परिवारों के साथ- साथ कई रिश्तेदार केरला बाढ़ में फंसे हैं। शहरवासियों का कहना है कि हर दिन इसी आस में निकल जाता है कि आज तो फोन लगेगा, आज तो अपनों से बात हो पाएगी। लेकिन अभी तक कोई खबर नहीं मिल पाई है। अपनों की सलामती व उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि उन्हें राहत केंद्रों तक सही सलामत पहुंचाया जा सके। केरल में कई सालों बाद ऐसी भीषण बाढ़ देखने को मिली है। मेरा बेटा त्रिचूर से बीटेक कर रहा हैं। बाढ़ आने के बाद उसे अपने मामा के यहां शिफ्ट होना पड़ा। वहां भी स्थिति बहुत खराब है लेकिन इस बात की तसल्ली है कि वह अपने रिश्तेदारों के साथ सुरक्षित है। फोन भी बंद आ रहा है, जिसके चलते पिछले दो दिनों से उससे बात नहीं हो पा रही। मन में हमेशा यही ख्याल रहता है कि वे सभी लोग ठीक है या नहीं।
सुरेश कृष्णन, सेक्टर-11 मेरे मां-पापा केरला में ही रहते हैं। घर में पानी भरने के कारण उन्हें अपने रिश्तेदारों के घर जाना पड़ा। शुक्रवार को तो हाल यह था कि उन्हें खाना तक नसीब नहीं हुआ। डर इस बात का है कि वे अब कम ऑक्सीजन से भी जूझ रहे हैं जो कि चिंताजनक हैं। घर के हालत खराब हैं पानी के कारण सारा सामान नष्ट हो चुका है।
रॉयसन, सेक्टर-25 मेरे माता पिता काफी बुजुर्ग हैं और बाढ़ आ जाने के कारण मेरा भाई उन्हें कहीं भी ले जाने में असमर्थ था। किचन में पानी भर जाने के कारण वे छत पर ही रह रहे थे, जहां खाना तक नहीं मिल पा रहा था। इसके बाद मैंने वहां के एमपी को फोन कर उनके लिए सुरक्षा की मांग की। जिसके बाद वहां से निकाल कर उन्हें रिश्तेदारों के घर भेजा गया।
मोहन नायर, सेक्टर-34 मेरे घरवालों से मैं शुक्रवार से संपर्क नहीं कर पा रहा हूं। उनका मोबाइल फोन पहुंच से बाहर हैं। ऐसे में ¨चता बढ़ती जा रही हैं। सोशल मीडिया पर तत्काल मदद की मांग के वीडियो को देख कर तो और ज्यादा मन में डर बैठ गया है। आशा है कि उन्होंने बचाव दल से संपर्क कर लिया होगा और वे सही सलामत होंगे।
अनियन, सेक्टर-52