शाहबेरी में जिले से बाहर के लोगों ने बनाए थे ज्यादातर अवैध फ्लैट
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: शाहबेरी हादसे के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। अभी तक की जांच में प्
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:
शाहबेरी हादसे के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। अभी तक की जांच में प्रशासन ने शाहबेरी में 19 बिल्डरों की पहचान की है, जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर अवैध फ्लैट का निर्माण कराया था। सभी के खिलाफ प्रशासन गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई शुरू कर रहा है। जांच में पाया गया है कि अवैध फ्लैट का निर्माण करने वाले ज्यादा बिल्डर गौतमबुद्ध नगर के नहीं थे। साथ ही गांव में अवैध फ्लैट बनाकर सबसे अधिक रजिस्ट्री लीजा इंफ्रास्ट्रेक्चर के द्वारा की गई है। जांच में यह भी पता चला है कि ज्यादातर रजिस्ट्री में गिनती के दो-चार लोगों की ही गवाही है। ऐसे में गवाही देने वालों के खिलाफ भी प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।
शाहबेरी गांव में बीते 17 जुलाई को छह-छह मंजिल की दो अवैध इमारत गिर गई थी। इमारत में दबने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद प्रशासन सतर्क हो गया था। जांच टीम गठित कर प्रशासन ने जांच शुरू करा दी थी। साथ ही एक टीम यह जांच भी कर रही थी कि गांव में कितने लोगों ने अवैध फ्लैट तैयार किया था। जांच में ऐसे लोगों पर विशेष निगाह थी जिन्होंने पिछले कुछ माह में दस से उससे अधिक रजिस्ट्री की थी। जांच में पता चला है कि मान प्रॉपर्टी ने गांव में 33, लीजा इंफ्राटेक ने 47, राधिका ग्रीन ने 29, अर्श प्रोपर्टीज ने 26, लोकेशन इंफ्राटेक ने 21, सलीमुद्दीन ने 18, एक्टिव ने 18, गंगा शंकर द्विवेदी ने 18, मुदगल होम्स ने 17, एमएनजी डेवलपर ने 15, साई ²ष्टि होम ने 13 व आरडीबी होम्स ने 12 रजिस्ट्री की थी। जांच में अभी अन्य बिल्डरों के द्वारा की गई रजिस्ट्री भी सामने आ सकती है। अभी तक की जांच में जिन लोगों के नाम सामने आएं हैं उनमे ज्यादातर ने फ्लैटों की रजिस्ट्री की थी। फ्लैट भी नियम से इतर बनाए गए थे। जांच में यह भी सामने आया है कि बिल्डरों के द्वारा गांव के अलग-अलग खसरा नंबर पर फ्लैट का निर्माण किया गया है। ज्यादातर फ्लैट खसरा नंबर पांच, 11 व 16 पर बनाए गए थे।