शिकायतों के निस्तारण में बेरुखी, एप व पोर्टल से बढ़ी लोगों की दूरी
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पोटर्ल पर दर्ज शिकायतों का संज्ञान नहीं ले रहा है। जिससे निवासियों में आक्रोश है। इतना ही नहीं पोटर्ल पर शिकायत दर्ज कराने के बजाय निवासी एक बार फिर कार्यालय आकर अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे है। लोगों की माने तो ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर दर्ज ज्यादातर शिकायतों की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने लोगों को दरबदर भटकने व अधिकारियों तक सीधे अपनी बात
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का संज्ञान नहीं ले रहा है। जिससे निवासियों में आक्रोश है। इतना ही नहीं पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बजाय निवासी एक बार फिर कार्यालय आकर अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं। लोगों की माने तो ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर दर्ज ज्यादातर शिकायतों की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने लोगों को दरबदर भटकने व अधिकारियों तक सीधे अपनी बात पहुंचाने के लिए मार्च में पोर्टल की शुरुआत की थी। जिस पर लगातार शिकायतों का सिलसिला जारी रहा। लोग बिजली, पानी, सड़क, सुरक्षा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं की मांगों को लेकर प्राधिकरण के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते रहे। इन शिकायतकर्ताओं में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की विभिन्न सोसायटियों में रहने वाले लोग भी शामिल है। जिन्होंने पोर्टल के माध्यम से अधिकारियों तक अपनी समस्याओं तक पहुंचाया। जिसके बाद समय रहते समस्या के निराकरण का आश्वासन भी अधिकारियों से मिला, लेकिन ग्रेनो वेस्ट में समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। निवासी अब एक बार फिर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बजाय अधिकारियों के कार्यालयों का दरवाजा खटखटा रहे है। -पोर्टल पर लगातार ग्रेनो वेस्ट की समस्याओं को दर्ज किया गया लेकिन ज्यादातर शिकायतों की स्थिति ज्यों की त्यों है। लोग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बजाय अधिकारियों के कार्यालयों का दरवाजा खटखटा रहे है।
-मनीष कुमार, नेफोवा सदस्य प्राधिकरण अधिसूचित गांवों से भी ग्रामीण पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। उसके बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होता।
-देवेंद्र चंदीला, हबीबपुर एप व पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की लगातार समीक्षा हो रही है। विभागों को सख्त निर्देश हैं कि दर्ज शिकायतों का तत्परता से निस्तारण करें। अगर शिकायतों के निस्तारण को लेकर कहीं असंतुष्टि है तो वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा सकते हैं।
दीपचंद, एसीईओ