नोएडा में भी रडार बेस्ड कैमरे से वाहनों का कटेगा चालान
दुबई की तरह नोएडा में भी अब रडार बेस्ड कैमरे से वाहनों का ऑटोमैटिक चालान किया जाएगा। इस कैमरे से न सिर्फ ओवर स्पीड वाले वाहनों का चालान किया जाएगा बल्कि गलत लेन तीन सवारी बिना हेल्मेट व सीट बेल्ट के जा रहे वाहन चालकों का भी चालान किया जा सकेगा। यातायात विभाग रडार बेस्ड ऑटामैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएमपीआर) कैमरे का एक सप्ताह से प्रयोग कर रहा है। अभी तक कैमरे में 1200 से अधिक वाहन यातायात नियमों को तोड़ते हुए कैद हो चुके हैं। अगले कुछ दिनों में विभाग इसकी समीक्षा करेगा और सकारात्मक परिणाम रहता है तो शीघ्र ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
दुबई की तरह नोएडा में भी अब रडार बेस्ड कैमरे से वाहनों का ऑटोमैटिक चालान किया जाएगा। इस कैमरे से न सिर्फ ओवर स्पीड वाले वाहनों का चालान किया जाएगा, बल्कि गलत लेन, तीन सवारी, बिना हेल्मेट व सीट बेल्ट के जा रहे वाहन चालकों का भी चालान किया जा सकेगा। यातायात विभाग रडार बेस्ड ऑटामैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएमपीआर) कैमरे का एक सप्ताह से प्रयोग कर रहा है। अभी तक कैमरे में 1200 से अधिक वाहन यातायात नियमों को तोड़ते हुए कैद हो चुके हैं। अगले कुछ दिनों में विभाग इसकी समीक्षा करेगा और सकारात्मक परिणाम रहता है तो शीघ्र ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
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वाहन के प्रकार, लेन, गलत दिशा व गति को पढ़ने में सक्षम
दरअसल, रडार बेस्ट कैमरा फ्रांस की आइडिमिया कंपनी ने निर्मित किया है। इस कंपनी के कैमरे दुबई में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। इसी को देखते हुए यातायात विभाग इस कैमरे का शहर में प्रयोग कर रहा है। यह कैमरा महामाया फ्लाईओवर के पास लगाया गया है। कैमरा एक खंभे पर लगाया जाता है। यह 180 डिग्री और 40 मीटर दूरी तक के वाहनों को साफ-साफ पढ़ने में सक्षम है। यह कैमरा गति, तीन सवारी, बगैर हेलमेट व सीट बेल्ट, गलत लेन व गलत दिशा के साथ यह भी पढ़ने में सक्षम है कि वाहन बस, कार, बाइक या ऑटो है। अभी तक यमुना एक्सप्रेस-वे या शहर में लगे कैमरे से सभी वाहनों का 100 किमी प्रति घंटा से अधिक स्पीड होने पर ही चालान होता था, लेकिन अब वाहनों के अनुसार निर्धारित गति सीमा पर चालान काटा जाएगा। सबसे दाई लेन ओवरटेकिग लेन होता है। यदि इस लेन की बजाय अन्य लेन से कोई वाहन ओवरटेक करता है तो उसका ऑटोमैटिक चालान कट जाएगा।
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अंधेरे में भी कैमरे को चकमा नहीं दे सकेंगे वाहन चालक
रडार बेस्ड कैमरे को वाहन चालक रात के अंधेरे में भी चकमा नहीं दे सकेंगे। यह इंफ्रारेड कैमरा है। रात के अंधेरे में भी वाहन को साफ-साफ पढ़ने में सक्षम है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगे कैमरे रात के अंधेरे में वाहनों का नंबर प्लेट नहीं पढ़ पाते हैं। इससे 30 फीसद वाहनों चालान नहीं हो पा रहा है। रडार बेस्ड कैमरे से 100 फीसद वाहनों का चालान हो सकेगा।
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- रडार बेस्ड कैमरे से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का ऑटोमैटिक चालान किए जाने का प्रयोग चल रहा है। यह देश में इस तरह का पहला प्रयोग है। यह कैमरा गलत लेन, तीन सवारी, बिना हेल्मेट व सीट बेल्ट, गलत लेन या गलत दिशा के साथ वाहनों के प्रकार के मुताबिक गति पढ़ कर चालान काटने में सक्षम है। प्रयोग सफल रहा, तो शीघ्र इसे लागू कर दिया जाएगा।
- अनिल कुमार झा, पुलिस अधीक्षक, यातायात विभाग