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ग्रेटर नोएडा: मास्टर प्लान 2041 के सेक्टरों का होगा विकास, बड़ी निर्माण कंपनियों की मदद लेगा YEIDA

यमुना प्राधिकरण सेक्टरों के विकास में छोटे-छोटे ठेकेदराें की बजाए निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनियों की मदद लेगा। निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहतर करने व कार्यों से तेज गति से पूरा करने के लिए प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है। मास्टर प्लान 2041 में नियोजित सेक्टरों के विकास में प्राधिकरण इसे लागू करेगा। निविदा के माध्यम से कंपनियों का चयन किया जाएगा।

By Arvind Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Mon, 10 Jun 2024 11:16 AM (IST)
ग्रेटर नोएडा: मास्टर प्लान 2041 के सेक्टरों का होगा विकास, बड़ी निर्माण कंपनियों की मदद लेगा YEIDA
मास्टर प्लान 2041 के सेक्टरों को विकसित करने में निर्माण कंपनियों की मदद लेगा यीडा

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण सेक्टरों के विकास में छोटे-छोटे ठेकेदराें की बजाए निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनियों की मदद लेगा। निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहतर करने व कार्यों से तेज गति से पूरा करने के लिए प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है। मास्टर प्लान 2041 में नियोजित सेक्टरों के विकास में प्राधिकरण इसे लागू करेगा। निविदा के माध्यम से कंपनियों का चयन किया जाएगा।

निविदा के जरिये होता है कंपनी का चयन

यमुना प्राधिकरण आवासीय, संस्थागत, औद्योगिक समेत सभी श्रेणी के सेक्टरों के विकास में अभी तक अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग ठेकेदार कंपनियों का निविदा के जरिये चयन करता है, लेकिन ठेकेदारों के बीच समन्वय की कमी और सीमित संसाधनों की वजह से सेक्टरों का विकास गुणवत्ता व समयबद्ध तरीके से नहीं रहा है।

सड़क, सीवर, नाली, पेयजल पाइप लाइन, बिजली नेटवर्क आदि को लेकर आए दिन शिकायतें आती हैं। निर्माण कार्यों में कमिशन आदि को लेकर भी प्राधिकरण कर्मचारियों पर आरोप लगते हैं। निर्माण की गुणवत्ता ठीक न होने से कुछ ही समय में मरम्मत की जरूरत पड़ने लगती है।

बड़ी कंपनियां करेंगी विकास कार्य

इस सिरदर्दी से छुटकारा पाने के लिए प्राधिकरण ने निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से सेक्टरों के विकास कार्य कराने का फैसला किया है। चयनित कंपनी की सेक्टर में सड़क, सीवर, नाली, पेयजल पाइप लाइन, बिजली, इंटरनेट आदि के केवल आदि का काम करेगी।

भविष्य की जरूरत को देखते हुए केवल आदि के लिए अलग वाहिका डक्ट डाली जाएंगी। इससे सेक्टर में बार-बार खोदाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीईओ डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि निर्माण क्षेत्र की कंपनियों से सेक्टर के विकास कार्यों को कराने के कई फायदे होंगे। कार्य की गुणवत्ता व समय बद्धता बनी रहेगी। समन्वय आदि को लेकर आदि वाली परेशानी समाप्त होगी।

ठेकेदारों के बीच में काम छोड़ने या निर्माण लागत बढ़ाने को लेकर आदि वाले समस्याएं समाप्त होंगी। भ्रष्टाचार के आरोप से छुटकारा मिलेगा। चयनित कंपनी की ढांचागत निर्माण की पांच वर्ष तक मेंटेनेंस का काम देखेगी। मास्टर प्लान 2041 में शामिल सेक्टरों के विकास के लिए निर्माण कंपनियों की मदद ली जाएगी।