World Heart Day 2022: रोजाना 30 मिनट की सैर से ही जवान रहेगा आपका दिल, कोरोना ने बढ़ाई रोगियों की मुश्किल
World Heart Day 2022 विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना 30 मिनट की सैर से ही दिल को जवान रखा जा सकता है। साथ ही धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचना चाहिए। वहीं सांस फूलने बेचैनी-घबराहट जैसी शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक से मिलें।
नोएडा, जागरण संवाददाता। World Heart Day 2022: कोरोना काल में स्टेरायड दवाओं के ज्यादा सेवन से कई मरीजों में धमनियां सिकुड़ गईं। कोरोना वायरस ने संक्रमितों के खून को गाढ़ा कर दिया है। इससे पोस्ट कोविड मरीजों में दिल की बीमारी मिल रही है।
खून गाढ़ा होने से युवाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले बढ़ रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान प्रमुख कारक हैं। जरूरी है कि प्रतिदिन 30 मिनट सैर करें। जिससे दिल धड़कता रहे। विश्व हृदय दिवस पर प्रस्तुत है मोहम्मद बिलाल की एक रिपोर्ट...
सांस फूलने, बेचैनी-घबराहट पर हो जाएं सतर्क
मेट्रो अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. पुरुषोत्तम लाल बताते हैं कि आजकल सेहत बनाने के लिए युवा जिम जा रहे हैं। इससे पहले हृदय संबंधी जांच कराएं। धूम्रपान, शराब का सेवन न करें। इन दिनों जिम में वर्कआउट करते कार्डियक अरेस्ट की समस्या बढ़ गई है। जरूरी है कि कार्डियक अरेस्ट का शिकार व्यक्ति को तुरंत सीपीआर व डिफाइब्रिलेटर दिया जाए।
जिम में ऐसे लोगों की तैनाती हो, जो सीपीआर देने के साथ डिफाइब्रिलेटर चलाना जानते हों। छाती में भारीपन, थकान और कमजोरी, चक्कर आना, धड़कन में तेजी, तनाव, बेचैनी-घबराहट, सीने में दर्द व भारीपन, छाती में भारीपन, थकान और कमजोरी, चक्कर आना, धड़कन में तेजी, तनाव जैसे लक्षण दिखने पर जांच कराएं।
रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों का दिल हुआ कमजोर
गैर संचारी रोग (एनसीडी) के नोडल अधिकारी डा. राघवेंद्र प्रताप मिश्रा का कहना है कि कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों में अनियंत्रित रक्तचाप व खून के थक्के जमने की समस्या बढ़ी है। पोस्ट कोविड मरीजों में लक्षण दिखने पर जांच कराएं। अगर प्रतिदिन दस हजार कदम चलते हैं तो दिल से जुड़ी बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है।
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जंक फूड से बनाएं दूरी
जेपी अस्पताल के डा. मनोज लूथरा ने बताया कि पारिवारिक समस्याओं, नौकरी की सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर युवाओं पर शारीरिक व मानसिक दबाव रहता है। लंबे समय तक तनाव रहने से व्यक्ति उच्च रक्तचाप और मधुमेह का शिकार हो जाता है। तनाव से बचाव के लिए व्यायाम, योग आदि करनी चाहिए।
कार्डियोलाजिस्ट न होने से परेशानी
जिला अस्पताल में कार्डियोलाजिस्ट न होने से हृदय रोगियों को परेशानी हो रही है। प्रतिदिन आठ से दस मरीज पहुंचते हैं। मरीजों को दिल्ली रेफर करना पड़ता है। समय पर इलाज न मिलने पर दिल का दौरा पड़ने से मरीज की जान तक चली जाती है।