World dance day: नृत्य है जीवन की मुस्कान, पढ़िए इनकी कहानी जिससे आप ले सकते हैं प्रेरणा
नृत्य हमारे जीवन में आनंद तो लाता ही है साथ ही एक संस्कृति की पहचान बनकर लोगों को जोड़ने का कार्य भी करता है।
नोएडा (सुनाक्षी गुप्ता)। नृत्य हमारे जीवन में आनंद तो लाता ही है साथ ही एक संस्कृति की पहचान बनकर लोगों को जोड़ने का कार्य भी करता है। विश्व नृत्य दिवस पर हम उन हस्तियों की बात कर रहे हैं, जिन्होंने नृत्य विधा को संवारने के साथ उसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने का काम किया है।
1 - अतंरराष्ट्रीय पटल पर भारतीय नृत्य को पहुंचाती ज्योति श्रीवास्तव
57 वर्षीय ज्योति ओडिसी नृत्य में पिछले 40 वर्षों से परचम लहरा रही हैं। उनकी कला को न सिर्फ भारत बल्कि विदेश में भी सराहना मिल रही है। सेक्टर-56 निवासी नृत्यांगना ज्योति ने चार से 14 वर्ष तक भरतनाट्यम, मोहिनी अंट्टम, कथक और ओडिसी नृत्य सीखा और चार दशक तक हॉलैंड, बेल्जियम, रशिया, साउथ कोरिया, श्रीलंका, ओमान, अमेरिका सहित कई देशों में भारतीय नृत्य की प्रस्तुति दी हैं। उन्हें सनातन नृत्य पुरस्कार, गुरु सिंहारी श्यामसुंदर अवार्ड, इंटरनेशनल वुमेंस डे अवार्ड, नवरत्न अवार्ड और राजीव गांधी एकता सम्मान सहित कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। इस साल लॉकडाउन के बीच विश्व नृत्य दिवस मनाते हुए उन्होंने बाकी नर्तकियों के साथ मिलकर आनंद नृत्य वीडियो बनाई है और उसके माध्यम से लोगों को अकेले रहकर जीवन का आनंद लेने के लिए प्रेरित किया है।
2 - नृत्य से समाज में बदलाव ला रही हैं सुपर्णा भूषण सूद
सेक्टर-44 में महिलाओं और बच्चों को पारंपरिक नृत्य सिखाती सुपर्णा भूषण सूद प्रमुख भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं। 4 साल की उम्र से भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और कथक सीखने वाली सुपर्णा आज 55 साल की हैं और हिंदुस्तानी व कर्नाटक संगीत में भी प्रशिक्षित हैं, आज भी वह पूरी लगन के साथ अपनी इस प्रतिभा को दूसरों के साथ साझा कर रही हैं। संगीत प्रभाकर और संगीत विशारद में स्नातक करने के बाद श्रृंगार मिशन, नृत्य शिवली और भव निपुर्णिका आदि अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं। सुपर्णा बताती हैं कि दूरदर्शन से शॉर्ट फिल्मों में नृत्य और ड्रामा करने के बाद अब वह अपने नृत्य के सहारे समाज में बदलाव लाना चाहती हैं इसलिए वह समाजसेवी महिलाओं के साथ मिलकर नृत्य के रूप में कई ड्रामा प्रस्तुत करती हैं।
3 - नई सोच और नृत्य के साथ युवाओं के दिल में उतर रही नयनिका व्यास
युवा पीढ़ी को अपने साथ जोड़ती 22 वर्षीय नयनिका व्यास बैले और जैज नृत्य कर भारत में इसका नया दौर शुरू कर रही हैं। सेक्टर 93 निवासी नयनिका साढ़े चार साल की उम्र से नृत्य सीख रही हैं और आज के समय में वह भारतीय नृत्य को अंतरराष्ट्रीय नृत्य के साथ जोड़कर उसे एक नई पहचान देने का कार्य कर रही हैं। अमेरिका के फिलाडेल्फिया में कला विश्वविद्यालय से स्नातक कर नयनिका ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़कर नोएडा में भी बच्चों को पाश्चिमी नृत्य सिखा रही हैं। वह प्रसिद्ध कोरियोग्राफर एरिक टेलर के साथ मिलकर कई प्रस्तुतियां दे चुकी हैं। वह युवाओं के लिए नृत्य के नए फॉर्मेट लेकर आ रही हैं।