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Jagran Forum 2021: उद्योग मंत्री बोले, हमने विकास को लेकर माइंडसेट बदला, अब उद्यमियों की पहली पसंद है यूपी

Jagran Forum 2021 सतीश महाना ने कहा कि विकास के मामले में जल्दबाजी में कोई गड़बड़ी नहीं करना चाहते हैैं। हम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैैं। डिमांड व सप्लाई का सर्वे करा रहे हैैं। सिस्टम को सुचारु बना रहे हैैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 07:33 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 07:33 PM (IST)
Jagran Forum 2021: उद्योग मंत्री बोले, हमने विकास को लेकर माइंडसेट बदला, अब उद्यमियों की पहली पसंद है यूपी
उप्र के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना। सौरभ राय

नोएडा [विजय यादव]। जब हम यूपी-एनसीआर के विकास की बात करते हैैं तो इसे केवल उद्योगों को स्थापित करने तक नहीं रख सकते हैैं। उद्योग लगेंगे तो वहां काम करने वालों के रहने, उनकी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति पर भी ध्यान देना होगा। ऐसे में इंडस्ट्री के साथ इंडस्ट्रियल टाउनशिप की योजना भी बनानी होगी। अगर ऐसा नहीं होगा तो नियोजित विकास भी अनियोजित बनकर रह जाएगा।

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बुधवार को आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम के 'यूपी-एनसीआर में नियोजित विकास बनाम अनियोजित विकास विषयक सत्र में विचारों का प्रवाह भी इसी दिशा में देखने को मिला। कार्यक्रम में बतौर वक्ता शामिल हुए उप्र के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का रुख इसे लेकर बिल्कुल साफ दिखा। वह कहते हैैं कि हमने विकास को लेकर माइंडसेट बदला है। उद्योगों के साथ इंडस्ट्रियल टाउनशिप का सुनियोजित विकास हमारा उद्देश्य है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैैं। इसी का नतीजा है कि आज उप्र उद्यमियों की पहली पसंद बन चुका है।

वर्ष 2017 से पहले उद्यमी दिल्ली में उतर कर बेंगलुरु व चेन्नई चले जाते थे, अब वह उप्र आकर यहां इंडस्ट्री लगाते हैैं। अपने इस कथन को वह निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट के रनवे पर उतारते हैैं। कहते हैैं कि अगले दो-ढाई सालों में उद्यमी उप्र में ही उतरकर यहां इंडस्ट्री लगाएगा। उसे दिल्ली भी नहीं जाना होगा।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के साथ विमर्श के दौरान उन्होंने साफगोई से कहा कि बड़े शहरों की तरह एनसीआर का जैसा विकास होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ। यह एक सच्चाई है। लेकिन, हमारी सरकार के आने के बाद स्थितियां बदली हैैं। हमने नियोजित विकास की दिशा में कदम बढ़ाए हैैं। हम चाहते हैैं कि एनसीआर का नियोजित विकास हो। इसी उद्देश्य के साथ एनसीआर में मुजफ्फरनगर व शामली को भी शामिल किया गया।

यह निर्णय दिल्ली में आबादी के बढ़ते दबाव को देखते हुए लिया गया। और हमारे निर्णय कुछ लोगों को लाभ देने के लिए नहीं होते हैैं। जैसा कि पहले की सरकारों में होता रहा है। विकास की योजनाएं बनाने के बावजूद एनसीआर में जो अनियोजित विकास देखने को मिल रहा है, वह इसी स्वार्थ व राजनीति का नतीजा है। हमने इस माइंडसेट को बदला है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैैं।

महाना ने कहा कि विकास के मामले में जल्दबाजी में कोई गड़बड़ी नहीं करना चाहते हैैं। हम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैैं। डिमांड व सप्लाई का सर्वे करा रहे हैैं। सिस्टम को सुचारु बना रहे हैैं। कई योजनाएं जो किन्हीं कारणों से रुकी थीं, उनमें कोई अड़चन थी, उनका समाधान निकल रहा है।

गौतमबुद्ध नगर की सभी अथारिटी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैैं। कहते हैैं कि पहले उद्यमियों को जमीन आवंटित हो जाती थी, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं कराया जाता था। आज हम भूमि आवंटन के साथ ही क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैैं। आखिर में वह विमर्श को यह कहकर विराम देते हैैं कि हम चाहते हैैं कि किसी के अधिकारों का हनन न हो।


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