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Noida News: एलआइयू के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध, चीनी नागरिक को भगाने में की मदद

Chinese Sleepers Cell Case आरोपित ली शुलुन को उसके देश चीन वापस भगाने में एलआइयू के दो कर्मचारियों ने मदद की। इसके बदले रिश्वत ली गई। चीनी नागरिक का भारतीय दोस्त व बिजनेस पार्टनर रविकुमार नटवरलाल अभी फरार चल रहा है।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 07:12 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 07:12 AM (IST)
Noida News: एलआइयू के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध, चीनी नागरिक को भगाने में की मदद
Noida News: एलआइयू के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध, चीनी नागरिक को भगाने में की मदद

ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। नेपाल बार्डर पर पकड़े गए दो चीनी नागरिकों को पनाह देने वाले सु फाइ के रिश्तेदार ली शुलुन को फरार करने के मामले में एलआइयू के दो कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली है। ली शुलुन के संबंध में एक और चौकाने वाला पर्दाफाश हुआ है। वह बिना वीजा के भारत में रहा और फैक्ट्री में नौकरी की। वहां काम करने वाली भारतीय युवती का यौन उत्पीड़न किया।

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पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसने शिकायत जुलाई में की और आरोपित चीनी नागरिक को विदेश भगाने के बाद रिपोर्ट दिसंबर में दर्ज हुई। पीड़िता का आरोप है कि आरोपित ली शुलुन को उसके देश चीन वापस भगाने में एलआइयू के दो कर्मचारियों ने मदद की। इसके बदले रिश्वत ली गई। जुलाई से ही एलआइयू को मामले की जानकारी थी कि ली शुलुन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। इसके बाद भी उसको उसके देश वापस जाने दिया गया।

पीड़ित युवती उसी फैक्ट्री में ट्रांसलेटर की नौकरी करती है, जिसमें चीनी नागरिक बतौर अधिकारी नौकरी करता था। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में भारतीय युवती ने आरोप लगाया था कि चीनी नागरिक जो कि फैक्ट्री में अधिकारी था, उसने फोन कर युवती से कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। आफिस का जो काम है वह उससे संबंधित कागजों को लेकर फ्लैट पर आ जाए। युवती आफिस के काम के संबंध में ली शुलुन के फ्लैट पर पहुंच गई।

आरोप है कि आरोपित ली शुलुन ने युवती को जबरन बेड पर गिरा लिया और उसका यौन उत्पीड़न किया। घटना के समय की वायस रिकार्डिंग पीड़िता के पास मौजूद है। छह महीने तक तक किया यौन उत्पीड़न करता रहा और युवती कार्रवाई का इंतजार करती रही।

शरण देने वालों पर होगी कार्रवाई

चीनी नागरिक का भारतीय दोस्त व बिजनेस पार्टनर रविकुमार नटवरलाल अभी फरार चल रहा है। उसकी तलाश पुलिस कर रही है। रविकुमार को शरण देने वालों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।

यह है पूरा मामला

बीते 11 जून को नेपाल बार्डर पर बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र में एसएसबी ने दो चीनी नागरिकों लु लैंग और तो यूं हेलंग को पकड़ा था। दोनों 18 दिनों तक ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव स्थित चीनी नागरिकों के अवैध शराब के अड्डे व जेपी ग्रींस सोसायटी में रहे थे। दोनों को भारत में पनाह चीनी नागरिक सु फाइ व उसकी महिला मित्र नगालैंड निवासी पेटेख रेनुओ ने दी थी।

पनाह देने वालों को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने पकड़ा तो पता चला कि सु फाइ अवैध रूप से भारत में रह रहा था। उसकी वीजा अवधि वर्ष 2020 में समाप्त हो गई थी। सु फाइ के कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए जो कि देश सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे।

वह घरबरा गांव में चीनी नागरिकों के लिए एक ऐसा अड्डा चला रहा था जहां बार, पब, कैसिनो समेत कई अन्य मनोरंजन के साधन एक साथ मौजूद रहते थे। अड्डे का एग्रीमेंट उसके भारतीय मित्र व बिजनेस पार्टनर रविकुमार नटवरलाल के नाम है। अवैध अड्डे पर ली शुलुन का भी आना जाना था।


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