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यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो कंपनियों ने किया करोड़ों का निवेश

यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए भूखंड योजना निकाल रखी है। इस योजना के तहत प्राधिकरण को निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 03:18 PM (IST)
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो कंपनियों ने किया करोड़ों का निवेश

ग्रेटर नोएडा (जेएनएन)। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो कंपनियों ने करोड़ों रुपये का निवेश किया है। दोनों कंपनियां मित्सुबिशी की सहयोगी हैं। प्राधिकरण ने इन कंपनियों को सेक्टर 32 में बीस हजार वर्गमीटर भूमि आवंटित की है। इसके अलावा प्राधिकरण को निवेश के लिए तीन और कंपनियों के प्रस्ताव मिले हैं। इसमें दो कंपनियों गारमेंट सेक्टर जुड़ी हैं।

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प्रदेश सरकार ने गौतमबुद्ध जिले को एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत रेडीमेड गारमेंट के लिए चिह्नित किया है। यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए भूखंड योजना निकाल रखी है। इस योजना के तहत प्राधिकरण को निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं। प्रत्येक शुक्रवार को प्राधिकरण निवेश प्रस्ताव के अध्ययन के बाद भूखंड आवंटन का फैसला ले रहा है। उन कंपनियों को वरीयता है, जो एक मुश्त पूंजी निवेश, अनुभवी के साथ स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए तैयार हैं।

प्राधिकरण ने मित्सुबिशी की सहयोगी कंपनियां क्वार्डेंट लिमिटेड व सिकोया सेफ्टी प्रोडक्ट इंडिया लिमिटेड को दस-दस हजार वर्गमीटर के भूखंड सेक्टर 32 में आवंटित किए हैं। क्वार्डेंट कंपनी इंजीनिय¨रग क्षेत्र के लिए प्लास्टिक उत्पाद तैयार करती है। कंपनी ने तीस फीसद रोजगार स्थानीय युवाओं को देने का भी दावा किया है।

इसके अलावा बॉडी केयर ने बीस हजार वर्गमीटर, दिव्या गारमेंट ने करीब छह सौ वर्गमी व शार्प साफ्टइट कंपनी ने इकाई स्थापित करने के लिए पचास हजार वर्गमीटर भूमि मांगी है। इन कंपनियों को सेक्टर 29 में भूखंड आवंटन का प्रस्ताव है। यह सेक्टर प्राधिकरण ने गारमेंट इकाईयों के लिए आरक्षित किया है। शुक्रवार को इन कंपनियों को भूखंड आवंटन पर मुहर लगाने की उम्मीद है।

इन कंपनियों के निवेश से प्राधिकरण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्राधिकरण को औद्योगिक निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। दो कंपनियों को भूखंड आवंटन कर दिया गया है। इसमें तीस फीसद रोजगार स्थानीय को मिलेगा। कुछ और कंपनियों के निवेश प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है। 


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