Move to Jagran APP

Noida News: हुलिया का फायदा उठाकर तिब्बती रिफ्यूजी से बन गया चीन का नागरिक, 3 कंपनियों में की नौकरी

Noida News वर्ष 2019 में तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा नंदुक भारत आ गया था इसके बाद से वह लगातार चीनी नागरिकों के संपर्क में था। तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुद को चीन का नागरिक बताकर तीन कंपनियों में बतौर निदेशक की नौकरी की।

By Praveen SinghEdited By: Abhishek TiwariPublished: Thu, 29 Sep 2022 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 11:39 AM (IST)
Noida News: हुलिया का फायदा उठाकर तिब्बती रिफ्यूजी से बन गया चीन का नागरिक, 3 कंपनियों में की नौकरी
Noida News: हुलिया का फायदा उठाकर तिब्बती रिफ्यूजी से बन गया चीन का नागरिक

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। फर्जी आइडी पर एक्टिवेट (सक्रिय) सिम भारत से चीन व नाइजीरिया भेजने वाला तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा नंदुक सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में पिछले चार साल से धूल झोंक रहा है। तकल्हा ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुद को चीन का नागरिक बताकर तीन कंपनियों में नौकरी की।

loksabha election banner

अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है तकल्हा

तीनों कंपनियां चीन की हैं, इनका आफिस दिल्ली एनसीआर में है। ऐसे में यह बात पुख्ता हो गई है कि तकल्हा लगातार अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है। उसका कनेक्शन जासूसी से भी जुड़ रहा है। वह साइबर अपराध में शामिल है। उस पर पुलिस शक न करें, इस वजह से वह खुद को बतौर चीन का नागरिक सबके सामने पेश करता था।

दरअसल, चीन के नागरिक आपस में बात करने के लिए वी चैट ऐप का इस्तेमाल करते है। तकल्हा ने पहले खुद को चीन के नागरिक के रूप में तैयार किया। उसने दिल्ली में चीनी भाषा सीखी। इसके बाद वह वी चैट पर चीन के नागरिकों से बात करने लगा। उसने खुद को चीन का बताया और कंपनियों में बतौर निदेशक नौकरी शुरू कर दी।

यह सब उसने इसलिए किया ताकि वह चीन के नागरिकों के साथ मिलकर भारत को आर्थिक नुकसान पहुंचा सके। जिन कोरियर कंपनियों के माध्यम से सक्रिय सिम चीन व नाइजीरिया भेजे जाते थे पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।

लिट्टन के पास थी वोडाफोन की फ्रेंचाइजी

कैंप लगाकर लोगों को गुमराह कर उनकी आइडी से सिम एक्टिवेट करने वाला लिट्टन बेहद शातिर है। उसे प्रत्येक सिम के बदले तकल्हा पांच सौ से दो हजार रुपये तक देता था। लिट्टन के पास पूर्व में सिम बेचने के लिए वोडाफोन की फ्रेंचाइजी भी रही थी।

तिब्बत सीमा का किया गया इस्तेमाल

भारत से एक्टिवेट सिम चीन भेजने के लिए कोरियर के अलावा तिब्बत सीमा का भी इस्तेमाल किया गया। सीमा सुरक्षा में सेंध लगाकर तकल्हा अपने अन्य साथियों की मदद से एक्टिवेट सिम चीन भेजता था। सीमा पर तैनात जवानों को भी इस संबंध में अलर्ट किया गया है।

तिब्बती महिला के पास मिले थे पांच हजार एक्टिवेट सिम, हैरान रह गई पुलिस 

यह है पूरा मामला

ग्रेटर नोएडा की एंटी आटो थेफ्ट टीम के प्रभारी जितेंद्र कुमार की टीम ने मंगलवार को पांच ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया था जो कि फर्जी आइडी पर एक्टिवेट सिम भारत से चीन व नाइजीरिया भेजते थे। इन सिम का प्रयोग साइबर ठगी व देश सुरक्षा संबंधी सूचना लीक करने में किया जाता है।

पकड़े गए आरोपितों में नाइजीरिया के रहने वाले सिक्सटस ननाइमका ओकुमा, तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा नंदुक, पश्चिम बंगाल का रहने वाला लिट्टन दास, बुलंदशहर का आसिम खान व दिल्ली का बलराम शामिल है। सिक्सटस ड्रग्स सप्लाई करता था। एक्टिवेट सिम आसिम, बलराम व लिट्टन उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से फर्जी आइडी पर खरीदे गए 730 सिम, 20 लाख की कीमत की 55 ग्राम अमेरिकी ड्रग्स (मेथाम्फेटामाइन क्रिस्टल एमडीएमए), 40 टेबलेट एमडीएमए, विदेशी वीड (गांजा) बरामद किया था। 730 सिम में से 279 सिम एक्टिवेट मिले थे।

आरोपित ड्रग्स सप्लाई की आड़ में एक्टिवेट सिम का धंधा करते थे। गिरोह का पर्दाफाश करने में तिब्बती महिला हेनकुला ने सूत्रधार की भूमिका निभाई थी। वह दो महीने पहले तमिलनाडु में पांच हजार एक्टिवेट सिम के साथ पकड़ी गई थी। उसने ही तकल्हा का नाम उजागर किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.