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UP: नाबालिग छात्र ने दोस्तों के साथ मिलकर किया ऐसा नाटक, पुलिस भी हो गई हैरान

एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र ने पैसों की लालच में दोस्तों के साथ मिलकर अपहरण का नाटक रचा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 07:22 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 07:22 PM (IST)
UP: नाबालिग छात्र ने दोस्तों के साथ मिलकर किया ऐसा नाटक, पुलिस भी हो गई हैरान
UP: नाबालिग छात्र ने दोस्तों के साथ मिलकर किया ऐसा नाटक, पुलिस भी हो गई हैरान

ग्रेटर नोएडा [मनीष तिवारी]। बिसरख कोतवाली क्षेत्र के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र ने पैसों की लालच में दोस्तों के साथ मिलकर अपहरण का नाटक रचा। छात्र ने अपने ही मोबाइल नंबर से परिजन को फोन कर दी अपहरण हो जाने की जानकारी। दूसरे दोस्तों ने फोन पर मांगी रंगदारी। एक छात्र के ऊपर शक होने पर पुलिस ने किया मामले का खुलासा। परिजन ने माफी मांग कर आपस में मामला निपटाया।

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कोतवली क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति पुलिस के सेवानिवृत्त आईजी की गाड़ी चलाते हैं। वह परिवार के साथ बिसरख कोतवाली क्षेत्र के  गांव की कॉलोनी में रहते हैं। उनका बेटा एक निजी स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ता है। अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर बेटे ने स्वयं के अपहरण का नाटक रचा। दोस्तों ने योजना बनाई जो भी पैसा आएगा उसे आपस में बांट लेंगे। चारों ने छात्र के मोबाइल नंबर से ही परिजन को फोन कराया। छात्र ने परिजन से बात की और बताया कि बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया है। एक कमरे में बंद कर रखा है और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

अपहरणकर्ता के रूप में बात करते हुए छात्र के दूसरे साथियों ने बीस लाख रुपए की मांग की। बीस लाख रुपए सुनकर परिजन सहम गए। छात्रों ने यह धमकी भी दी यदि जल्द पैसा नहीं दिया तो तुम अपने बेटे को जिंदा नहीं पाओगे। बेटे के अपहरण की जानकारी मिलने पर पूरा परिवार चिंता में डूब गया। पैसों की मांग करने के बाद छात्र ने मोबाइल व सिम तोड़कर फेक दिया। तीन दोस्त गाजियाबाद में अपने एक साथी की यहां जाकर छिप गए। 

चौथा साथी छात्र के घर पर स्थिति जानने के लिए पहुंचा। छात्र को परिजन ने बताया कि बेटे का अपहरण हो गया  है। परिजन ने मामले की सूचना पुलिस को दी। इस दौरान छात्र ने परिजन से कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज न कराएं, बदमाश कुछ भी कर सकते हैं। कुछ देर बाद पीड़ित परिजन के यहां पर पुलिस भी पहुंच गए। पुलिस ने पूरे मामले की विस्तृत जानकारी जुटाई। जिस नंबर से फोन आया था उस पर संपर्क किया तो वह बंद मिला।

पुलिस मोबाइल नंबर की अंतिम लोकेशन तलाशने में जुट गई। इस दौरान पीड़ित परिजन के घर पहुंचे छात्र ने दोबारा कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज न कराएं। जिसके बाद पुलिस को छात्र पर शक हो गया। पुलिस ने

छात्र से पुलिसिया अंदाज में पूछताछ की तो उसने सारी सच्चाई बता दी। बाद में छात्र के साथ मौके पर पहुंच पुलिस ने छात्र को उसके दो दोस्तों के साथ बरामद कर लिया। पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है।


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