गर्लफ्रेंड को पाने के लिए खेला गया था यूपी में खूनी खेल, पढ़िए- मर्डर मिस्ट्री की Inside story
शादीशुदा RTI एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा के प्रीति नागर से अवैध संबंध थे। चंद्रमोहन किसी भी कीमत पर प्रीति नागर को अपना बनाना चाहता था।
ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। अवैध संबंधों का अंजाम कभी भी सुखद नहीं होता है। इतना ही नहीं, ज्यादातर मामलों में कई लोगों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। पांच साल पहले वर्ष- 2014 में ग्रेटर नोएडा में हुए मर्डर के मामले में RTI एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा को उम्रकैद और उसकी प्रेमिका प्रीति नागर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एक मासूम (मानसिक रूप से विक्षिप्त) को कार में जिंदा जला देने के मामले में आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय दोषी करार देते हुए शनिवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं, इसी अपराध में चंद्रमोहन शर्मा की प्रेमिका रही प्रीति नागर छह महीने की सजा दी गई है।
चंद्रमोहन को था अपनी गर्लफ्रेंड को पाने का जुनून
दरअसल, शादीशुदा RTI एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा के प्रीति नागर से अवैध संबंध थे। चंद्रमोहन की गर्लफ्रेंड प्रीति नागर उससे उम्र में काफी छोटी थी। चंद्रमोहन किसी भी कीमत पर प्रीति नागर को पाना चाहता था। उसकी पत्नी सविता शर्मा आम आदमी पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता थी। ऐसे में तलाक देकर प्रीति के साथ शादी करना चंद्रमोहन के लिए तकरीबन असंभव था। इसके बाद उसने गर्लफ्रेंड प्रीति नागर के साथ मिलकर अपनी ही 'हत्या' की साजिश रच डाली।
मासूम को जला दिया जिंदा
साजिश के तहत चंद्रमोहन शर्मा ने ग्रेटर नोएडा में रह रहे एक मासूम शख्स (मानसिक रूप से विक्षिप्त) को अपनी कार में बिठाया और फिर ग्रेटर नोएडा में 1 मई, 2014 की रात क्रिकेट स्टेडियम के सामने कार में आग लगा दी थी। साजिश को फूलप्रूफ मानकर अंजाम दिया गया था, इसलिए शुरुआती जांच में माना गया था कि कार के अंदर चंद्रमोहन शर्मा की जलकर मौत हो गई है। यही वजह थी कि RTI एक्टिविस्ट चंद्रमोहन की पत्नी और आम आदमी पार्टी की नेता सविता शर्मा ने उस समय कार में जिंदा जलाकर चंद्रमोहन शर्मा की हत्या के आरोप में कासना में रहने वाले कुछ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
मानसिक रूप से विक्षिप्त शख्स का बनाया मोहरा, जला दिया जिंदा
जांच में सामने आया कि चंद्रमोहन ने एक मानसिक रूप से विक्षिप्त शख्स को अपनी कार में जिंदा जलाकर खुद के मरने का स्वांग रचा था। जांच के दौरान पुलिस ने एक मानसिक रूप से विक्षिप्त शख्स को घटना के बाद गायब पाया। फिर धीरे-धीरे जांच आगे बढ़ी तो सच सामने आ गया। दरअसल, चंद्रमोहन ने उस मासूम को अपने झांसे में लिया फिर कार में जलाकर फूंक डाला।
तीन महीने बाद पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा
यूपी पुलिस ने अगस्त, 2014 में चंद्रमोहन को बेंगलुरु से प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया गया तो सारे ड्रामे से पर्दा उठा और इस सनसनीखेज मर्डर का खुलासा हुआ। दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता चंद्र मोहन ने एक मई की रात एक मानसिक विक्षिप्त की कार में जलाकर हत्या कर दी थी और अपनी मौत का नाटक रचकर वह प्रेमिका प्रीति नागर के संग फरार हो गया था। पुलिस ने उसे प्रेमिका संग बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था।
प्रीति नागर का गायब होना पुलिस को खटका था
जांच के दौरान ग्रेटर नोएडा पुलिस को पता चला कि चंद्रमोहन प्रकरण के कुछ दिन बाद उसकी एक परिचित प्रीति नागर भी अचानक अपने घर से लापता हो गई है। पुलिस ने चंद्रमोहन शर्मा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगाला तो पता लगा महिला के साथ वह उससे लंबी बातें रहता था।
प्रीति नागर के फोन ने खोल दी पोल
शक होने पर पुलिस ने प्रीति नागर का नंबर भी इलेक्ट्रानिक सर्विलांस पर लगा दिया था, जिसके आधार पर अपनी मौत का नाटक कर लापता हुए चंद्रमोहन का सुराग हाथ लग गया। इसके बाद पुलिस टीम ने अगस्त, 2014 में बेंगलुरू से चंद्रमोहन शर्मा और प्रीति नागर को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस यह जानकर चौंक गई की चंद्रमोहन एक महिला मित्र के साथ अपनी पहचान बदल वहां रह रहा था। इतना ही नहीं, उसने अपना नाम और पहचान बदलकर नौकरी तक ढूंढ़ ली थी।
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