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Positive India: कैंसर पीड़िता यशोदा के हौसले से हारा कोरोना, 25 दिन में हुईं ठीक

Positive India कैंसर पीड़िता यशोदा को जैसी ही पता चला कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तो काफी परेशान हुईं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 10:03 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 10:03 PM (IST)
Positive India: कैंसर पीड़िता यशोदा के हौसले से हारा कोरोना, 25 दिन में हुईं ठीक

नोएडा [आशीष धामा]। 'नोएडा में कैंसर से जूझ रही थी। 18 अप्रैल को पता चला कि कोरोना संक्रमण भी है तो परिवार पर मानो वज्रपात हो गया। किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। मैं भी दुखी थी, लेकिन फिर सोचा, नहीं लड़ी तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। सबसे पहले पति और बेटे की जांच कराई, उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर राहत मिली। इस बीच अमेरिका में रह रही चिकित्सक बेटी ने हौसला बढ़ाया तो ठान लिया कि हार नहीं माननी है। कैंसर और कोरोना, दोनों बीमारियां होने के कारण मुझे जिम्स से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। मैंने दृढ़ इच्छाशक्ति को हथियार बनाया और कोरोना को हरा कर घर लौट आई। यह कहना है सेक्टर-55 निवासी 64 वर्षीय ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित यशोदा बिष्ट का, जिनके मजबूत हौसले से कोरोना वायरस 25 दिन भी नहीं टिक सका। यशोदा का इलाज कर रहे चिकित्सक की मानें तो कैंसर भी ठीक होने वाला है।

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पिछले साल अक्टूबर में हुई थी ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि

यशोदा के अनुसार, अक्टूबर 2019 में उनके सीने पर घर के दरवाजा से चोट लग गई थी। नोएडा सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में जांच कराई तो ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हुई। 15 अप्रैल को कीमोथेरेपी कराने के लिए फोर्टिस गई तो वहां पास बैठे एक बुजुर्ग बार-बार खांस व छींक रहे थे। घर जाने के तीन दिन बाद 18 अप्रैल को यशोदा को भी बुखार आया। फोर्टिस में फिर जांच कराई तो कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद 20 अप्रैल को वह जिम्स में भर्ती हुई और 24 अप्रैल को उन्हें सफदरजंग भेज दिया गया।

डॉक्टर बेटी ने दिखाई जीने की राह

यशोदा के दो बच्चे हैं। बेटा नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है, जबकि बेटी डॉ. सुत्रिया अमेरिका में बाल रोग विशेषज्ञ हैं। वह कहती हैं कि इलाज के दौरान सात समंदर पार बैठी बेटी सुबह-शाम कॉल कर मनोबल बढ़ाती थी। डॉक्टरों ने भी आइसोलेशन वार्ड में परेशानी नहीं होने दी। आखिरकर 15 मई को वह कोरोना को मात देकर घर लौट आई। शुक्रवार की शाम जब वह एंबुलेंस से घर पहुंचीं तो परिवार ने पलकों पर बिठा लिया और फूल बरसाकर स्वागत किया।

डॉ. कुमार दीप दत्ता (एचओडी ऑन्कोलॉजी विभाग, फोर्टिस अस्पताल, सेक्टर-62 नोएडा) का कहना है कि यशोदा उम्रदराज होने के बावजूद ऊर्जावान हैं। बेहद खुशी है कि उन्होंने अपनी हिम्मत का परिचय देकर कोरोना को हरा दिया। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज भी अंतिम चरण पर है। वह स्टेज-4 पर उपचार के लिए आई थी, उनकी सेहत में काफी हद तक सुधार हुआ है। उम्मीद है वह जल्द ही कैंसर मुक्त भी हो जाएंगी।  


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