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Noida Traffic Police: 'टैंगो' कोडवर्ड सुनकर सतर्क मोड में आएगी ट्रैफिक पुलिस, जाम से निपटने खास तैयारी

पुलिस की तरह अब ट्रैफिक पुलिस वायरलेस सेट पर टैंगो सुनते ही सतर्क मोड में आ जाएगी। यह कोड ट्रैफिक जाम व अन्य आपात परिस्थितियों से निपटने में काम आएगा। अभी तक विभाग पुलिस के ग्रिड पर निर्भर था।

By MOHD BilalEdited By: Abhi MalviyaWed, 08 Feb 2023 10:33 PM (IST)
Noida Traffic Police: 'टैंगो' कोडवर्ड सुनकर सतर्क मोड में आएगी ट्रैफिक पुलिस, जाम से निपटने खास तैयारी
ट्रैफिक पुलिस वायरलेस सेट पर टैंगो सुनते ही सतर्क मोड में आ जाएगी।

नोएडा, जागरण संवाददाता। पुलिस की तरह अब ट्रैफिक पुलिस वायरलेस सेट पर टैंगो सुनते ही सतर्क मोड में आ जाएगी। यह कोड ट्रैफिक जाम व अन्य आपात परिस्थितियों से निपटने में काम आएगा। अभीतक विभाग पुलिस के ग्रिड पर निर्भर था। वर्तमान में दो कंट्रोल रूम चार्ली एवं डेल्टा संचालित है। चार्ली के द्वारा नोएडा एवं सेंट्रल नोएडा और डेल्टा के द्वारा ग्रेटर नोएडा जोन देखा जाता है।

चार्ली कंट्रोल सेक्टर-14ए स्थित यातायात कार्यालय परिसर में है। यह कंट्रोल अत्यधिक व्यस्त रहता है। इस पर नोएडा एवं सेंट्रल नोएडा जोन का भार है। चार्ली डेल्टा कंट्रोल सूरजपुर स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में स्थापित है। चूंकि जिले में प्रतिदिन वीआइपी का आवागमन अत्यधिक होने एवं यमुना एक्सप्रेस-वे, पेरीफेरल, एनएच-24, एनएच-9 है, जहां चारों तरफ से आवागमन होता है। प्रदेश दिल्ली सटा हुआ है। अत्यधिक वीआइपी आवागमन होता है। शहर में कई वीआइपी रहते हैं, जिन्हें विभिन्न सुरक्षा श्रेणी प्राप्त है। कई मल्टीनेशनल कंपनियां होने के कारण विदेशी दूतावास से भी अधिकारियों का आवागमन होता है। सभी बड़े शहर जहां ट्रैफिक नोएडा के तुलना में बहुत कम है। वहां ट्रैफिक का अपना अलग चैनल है। जैसे

गाजियाबाद, प्रयागराज, लखनऊ, आगरा इत्यादि। ऐसे में व्यस्त समय में जब किसी वीआइपी को आना या जाना होता है तो कमांड कंट्रोल रूम (सीसीआर) के माध्यम से ट्रैफिक कर्मियों को सूचित किया जाता है। इससे चार्ली को समस्या होती है। प्रत्येक यातायातकर्मी को फोन करने में समय अधिक लगता है। कभी फोन मिलता भी नहीं है।

क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) और ट्रैफिक मार्शल मोबाइल के पास भी कोई ऐसा सिस्टम नहीं है कि वह तत्काल कोई सूचना सूचित करें। इन्हें वाट्सएप पर मैसेज कर सतर्क जारी किया जाता है। ट्रैफिककर्मी कई बार फोन देखता है। उसका ध्यान भंग होता है। फोन देखते समय ट्रैफिक नहीं देख पाता है। डीएनडी, चिल्ला, कालिंदी कुंज और इससे उतरने वाले लूप पर ट्रैफिक की ड्यूटी होती लेकिन किसी इमरजेंसी की स्थिति में तत्काल संपर्क करना कठिन होता है। यहां जब भी वाहन खराब होता है तो तत्काल संपर्क जरूरी होता है। ऐसी स्थिति में टीआइ और टीएसआइ की लोकेशन कंट्रोल द्वारा लिया जाना संभव नहीं हो पाता। लेकिन अब टीआइ, टीएसआइ, हेड कांस्टेबल के पास वायरलैस सेट होगा। जिसके माध्यम से उन्हें निर्देशित किया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को 50 से अधिक वायरलैस सेट दिए गए हैं।

इसके लिए आएगा काम

  • -वीआइपी आगमन-ट्रैफिक जाम निजात
  • -सड़क पर वाहन खराब होने
  • -एंबुलेंस को जाम से निकलवाने
  • -मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के दौरान जरूरी ग्रीन कॉरिडोर

क्या बोले ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी?

यातायात पुलिस को अपना ट्रैफिक ग्रिड मिला है। टैंगो कंट्रोल के माध्यम से मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया जाएगा।

-अनिल कुमार यादव, डीसीपी ट्रैफिक