Move to Jagran APP

Noida Crime: परिवहन विभाग में बड़ी धांधली, फैंसी नंबरों के आवंटन में गड़बड़ी से सरकारी राजस्व को नुकसान

परिवहन विभाग में फैंसी नंबरों के आवंटन में अधिक बोली लगाकर पीछे हटने से सरकारी राजस्व को लाखों का नुकसान हो रहा है। आनलाइन प्रक्रिया में धांधली करते हुए प्रत्येक नई सीरीज में फैंसी नंबरों के आवंटन में गड़बड़ी की जा रही है।

By Vaibhav TiwariEdited By: Abhi MalviyaPublished: Sun, 04 Dec 2022 10:18 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2022 10:18 PM (IST)
लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

नोएडा, जागरण संवाददाता। परिवहन विभाग में फैंसी नंबरों के आवंटन में अधिक बोली लगाकर पीछे हटने से सरकारी राजस्व को लाखों का नुकसान हो रहा है। आनलाइन प्रक्रिया में धांधली करते हुए प्रत्येक नई सीरीज में फैंसी नंबरों के आवंटन में गड़बड़ी की जा रही है। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री के साथ परिवहन विभाग के आलाधिकारियों से भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

loksabha election banner

प्रत्येक सीरीज में होते है 345 फैंसी नंबर

प्रत्येक नई सीरीज में 9, 999 नंबर होते हैं। इसमें 345 फैंसी नंबर होते हैं, जिसकी आनलाइन बोली लगाई जाती है। विभाग की वेबसाइट पर नंबर आवंटन के बाद बोली लगाने वाले लोगों की जानकारी उपलब्ध भी नहीं रहती है। इससे अधिक बोली लगाकर पीछे हटने वाले लोगों का पता भी कुछ दिनों बाद नहीं चलता है। यूपी 16 डीएम सीरीज के 83 फैंसी नंबरों की आनलाइन नीलामी हुई है।

इससे सरकारी राजस्व को 52.77 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस सीरीज के कई नंबरों में पहले आवेदक के पीछे हटने से सरकारी राजस्व को 39 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें यूपी 16 डीएम 1717 की सबसे अधिक बोली हर्षित नागौरी ने 22 लाख 12 हजार 500 की बोली लगाई गई, जिसके बाद नंबर आवंटन के लिए नाम आने पर पीछे हट गया।

अधिक बोली लगाने वालों ने पीछे खींचे कदम 

यूपी 16 डीएम 0001 पर बलविंदर तिवारी ने आठ लाख पांच हजार 500, यूपी 16 डीएम 0007 पर सचिन गोयल ने छह लाख 10 हजार व यूपी 16 डीएम 0009 का जेएम हाउसिंग नाम की कंपनी ने आठ लाख 49 हजार की बोली लगाकर पीछे हट गई। इसके बाद नंबरों के आवंटन की बोली दूसरे आवेदक द्वारा कई गुना कम लगाई गई है। दूसरे नंबरों के जिन आवेदकों द्वारा अधिक बोली भी लगाई गई है। उनके पीछे हटने की आशंका है।

चल रहा है खेल

यूपी 16 डीएल सीरीज में 0001 नंबर की बोली 9.60 लाख रुपये लगी थी। इसमें अधिक बोली लगाने वाला व्यक्ति नंबर लेने से पीछे हट गया। इसके बाद नंबर का आवंटन एक लाख रुपये में हुआ। जुलाई में आई सीरीज यूपी 16 डीएच 0003 का आवंटन तीसरे नंबर की बोली लगाने वाले व्यक्ति को कर दिया गया। पीड़ित का कहना है कि बाइक के फैंसी नंबर के लिए सबसे अधिक बोली एक व्यक्ति ने लगाई थी।

उसके बाद पीड़ित ने एक लाख पांच हजार की बोली लगाई, जबकि नंबर का आवंटन एक लाख रुपये की बोली लगाने वाले व्यक्ति को कर दिया गया, जो नियम अनुसार गलत है। मामले में पीड़ित ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत भी की। इस पर नंबर को फ्रीज कर दिया गया।

परिवहन विभाग ने लिया संज्ञान

परिवहन विभाग की ओर से डॉक्टर सियाराम वर्मा ने कहा कि फैंसी नंबरों के आवंटन में हो रही गड़बड़ी की जानकारी शीर्ष अधिकारियों को दी गई है। इसके लिए आलाधिकारियों से पत्राचार भी किया गया है। जल्द ही इस खामी को दूर किया जाएगा।

यह भी पढ़ें- एक अक्टूबर से कामर्शियल वाहनों में HSRP जरूरी वरना पांच हजार का लग सकता जुर्माना

यह भी पढ़ें- यूपी में वाहन स्‍वाम‍ियों के ल‍िए राहत भरी खबर, पर‍िवहन व‍िभाग ने HSRP के लिए बढ़ाई समय सीमा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.