Noida News: जर्जर भवनों को नोटिस देकर भूल गया नोएडा प्राधिकरण, इन 114 इमारतों का होना था ध्वस्तीकरण
Noida News इसमें पहला असुरक्षित व जर्जर दूसरा अधिसूचित व अर्जित भवन पर अवैध कब्जा तीसरा अधिसूचित व अनार्जित पर बनी इमारत व चौथा ग्राम की मूल आबादी में बनी बहुमंजिला इमारतों को शामिल किया गया था। सर्वे के परिणाम चौकाने वाले थे।
नोएडा कुंदन तिवारी। वर्षा के कारण शहर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में जगह जगह दीवार, झज्जा गिरने की सूचना आ रही है। इससे अछूता नोएडा भी नहीं रहा है। यहां पर नाला निर्माण के दौरान सेक्टर की दीवार ढह गई, जिसमें दबकर चार कामगारों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। ठेकेदार को भले ही पुलिस ने मशक्कत कर गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्य प्रणाली एक बार फिर से कटघरे में आकर खड़ी हो चुकी है कि उनकी कथनी व करनी में बहुत बड़ा फर्क है।
हादसा होने के बाद ही अधिकारी व कर्मचारी हरकत में आते है, उसके बाद मामला टाय टाय फिश हो जाता है। बता दें कि कुछ वर्ष पहले शाहबेरी कांड के बाद नोएडा प्राधिकरण ने शहर में चार श्रेणियों में जर्जर इमारतों का सर्वे कराया था। इसमें कुल 1757 इमारतों को चिह्नित किया गया था। 114 इमारतें ऐसी थी जिनको त्वरित ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन अब तक किसी भी इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया।
इसमें पहला असुरक्षित व जर्जर दूसरा अधिसूचित व अर्जित भवन पर अवैध कब्जा, तीसरा अधिसूचित व अनार्जित पर बनी इमारत व चौथा ग्राम की मूल आबादी में बनी बहुमंजिला इमारतों को शामिल किया गया था। सर्वे के परिणाम चौकाने वाले थे। पहली श्रेणी में कुल 56 जर्जर व असुरक्षित इमारत थी।
कुल मिलाकर 1757 इमारतों की एक सूची बनाई गई। ध्वस्तीकरण अब तक नहीं किया जा सका। ऊॅपर से प्राधिकरण कार्यालय में अधिकारियों ने बैठक कर महज खानपूर्ति कर संबंधित वर्क सर्किलों को निर्देश दे दिया कि वह जर्जर भवनों को चिह्नित कर एप के माध्यम से अवगत कराया। जबकि पहले से चिह्नित भवनों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।
कई गांवों में चस्पा किया गया था नोटिस
शहर के गांवों के अलावा कई स्थानों पर सैकड़ों इमारतों को अवैध जर्जर करार देकर नोटिस जारी किए थे। इसमें सर्वाधिक इमारतें हिडन विहार व गढ़ी चौखंडी गांव की थी। यहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा था। यहां बनाई गई इमारतें सात-आठ मंजिला तक है।
विगत वर्ष इनका निर्माण कार्य रुकवाया गया साथ ही नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए गए, लेकिन अब तक इमारतों को गिराया नहीं जा सका। इसी तरह निठारी, हरौला में दर्जनों अवैध इमारतों को नोटिस जारी कर गिराने का निर्देश दिया था।
गांवों का सर्वे अब तक नहीं हो सका
पूराशाहबेरी घटना के बाद प्राधिकरण ने ग्राम की मूल आबादी में तीन मंजिला से अधिक 1326 इमारतों को चिह्नित किया था। इन सभी इमारतों का सत्यापन कराया जा रहा था। कागजी तौर पर यह देखा जा रहा था कि जिस जमीन पर इनका निर्माण किया गया है वह प्राधिकरण अधिसूचित जमीन है या नहीं।
अब तक इन इमारतों का सत्यापन का कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है। साथ ही अधिसूचित व अर्जित क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों की संख्या भी 114 थी जिनको जल्द से जल्द गिराने के निर्देश थे। इनको भी नहीं गिराया जा सका।