घर बैठे पढ़िए विश्व भर के 5000 लेखकों की 7000 से ज्यादा नोवेल Noida News
उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी नवीन जोशी आइटी पेशेवर हैं। नौकरी के दौरान नवीन ने सबसे पहले एमफारमैथडॉटकाम के नाम से एक साइट शुरू की।
नोएडा [आशुतोष अग्निहोत्री]। आंखों में पानी रखो, होठों पे चिंगारी रखो, जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो। राह के पत्थर से बढ़कर कुछ नहीं है मंजिलें, रास्ते आवाज देते हैं, सफर जारी रखो। मशहूर शायर राहत इंदौरी के लफ्ज बताते हैं कि सफर ही इंसान की मंजिल आसान करता है। अगर यह सफर किताबों के साथ जुड़ जाए तो फिर जीने का अंदाज ही बदल जाता है।
उत्तराखंड के नवीन जोशी भी इसी सफर के एक मुसाफिर हैं, जिन्होंने किताबों के शौकीन लोगों के सफर को सही मायनों में आसान बना दिया है। यह संभव हुआ है नवीन के स्टार्टअप ऑलऑथरडॉटकाम वेबसाइट के माध्यम से, जहां क्लिक पर दुनिया भर के बेहतरीन पांच हजार लेखकों के सात हजार से अधिक नोवेल मौजूद हैं।
चार साल पहले की शुरूआत
उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी नवीन जोशी आइटी पेशेवर हैं। नौकरी के दौरान नवीन ने सबसे पहले एमफारमैथडॉटकाम के नाम से एक साइट शुरू की। इस पर वह रोज एक गणित का सवाल लोगों से पूछते थे। धीरे-धीरे लोग जुड़ने लगे और यह संख्या दो लाख से अधिक तक पहुंच गई। इस साइट पर कारॅपोरेट जॉब करने वालों के लिए भी सामग्री थी।
नवीन के अनुसार सर्विस इंडस्ट्री से जुड़े होने के कारण लेखकों से अक्सर बातचीत होती थी। एक दिन विचार आया कि क्यों न एक ऐसा प्लेटफार्म हो जहां पर दुनिया भर के लेखकों की किताबें आसानी से मिल जाएं। बस यही सोचकर उन्होंने वर्ष 2016 में ऑल आथर डॉटकाम के नाम से अपनी वेबसाइट बना डाली।
शुरुआत में लेखकों से उनकी किताबें वेबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए अपील की, लेकिन कुछ खास रेस्पांस नहीं मिला। उन्होंने सोचा कि किताबें लीक से हटकर हों तो ज्यादा बेहतर होगा। इस बार उन्होंने लेखकों से उनके नॉबेल मांगे। यह आइडिया चल निकला और लोगों ने अपने नॉबेल भेजने शुरू कर दिए। जब भी किसी लेखक का नॉबेल उनकी साइट पर रजिस्टर होता नवीन उसे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते थे। लोगों को नॉबेल अच्छे लगे और इन्हें पढ़ने वालों की संख्या बढ़ने लगी। पाठक बढ़े तो लेखकों ने खुद ही अपने नॉबेल वेबसाइट पर रजिस्टर कराने के लिए उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया।
अब तक 15 देशों के पांच हजार लेखक, एक लाख पाठक जुड़े
वर्ष 2016 से अब तक नवीन की इस वेबसाइट से भारत सहित अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, स्पेन, न्यूजीलैंड, फिनलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड सहित करीब पंद्रह देशों के सात हजार से अधिक लेखक और एक लाख पाठक जुड़ चुके हैं। इन लेखकों की सबसे अधिक किताबों में फिक्शन नॉबेल हैं। नवीन की इस वेबसाइट पर पाठकों के लिए कोई फीस नहीं है, हालांकि लेखकों को अपनी पुस्तक का रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक साल के लिए 99 डॉलर या सात हजार रुपये की फीस जमा करनी पड़ती है।
नवीन ने अपने स्टार्टअप को चार लाख रुपये से शुरू किया था, लेकिन वर्तमान में उनका डेढ़ करोड़ रुपये सालाना का टर्न ओवर है। 20 लोग इनके साथ काम कर रहे हैं। नवीन तीन भाई हैं और इन्होंने अपनी कंपनी नाम भी उन तीनों के नाम पर ही रखा है।
परिचय
नवीन जोशी
पिता- श्री चंद्रमोहन जोशी
शिक्षा- बीटेक देहरादून
डीआइटी वर्ष 2005
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