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नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए मेट्रो का बनेगा नया रूट, DMRC ने किया सर्वे; लाखों यात्रियों को मिलेगा फायदा

Metro News नोएडा के सेक्टर-142 मेट्रो स्टेशन से बोटेनिकल गार्डन तक मेट्रो चलाने की तैयारी है। इसके लिए डीपीआर में बदलाव किया गया है। पहले यहां लाइट मेट्रो चलाई जानी थी। सर्वे के अनुसार करीब 10 लाख मुसाफिर प्रतिमाह इस लाइन में सफर करेंगे।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 02:21 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 02:52 PM (IST)
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए मेट्रो का बनेगा नया रूट, DMRC ने किया सर्वे; लाखों यात्रियों को मिलेगा फायदा
Noida Metro: सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक दौड़ेगी मेट्रो, लाखों यात्रियों को मिलेगा फायदा

नोएडा [कुंदन तिवारी]। मेट्रो के जरिये ग्रेटर नोएडा से बोटेनिकल गार्डन का सफर आने वाले कुछ सालों में और आसान हो जाएगा। नोएडा मेट्रो रेल निगम इसके लिए मेट्रो के नए रूट पर काम कर रहा है। एनएमआरसी के नए रूट के तहत मेट्रो सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक रफ्तार भरेगी। 

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इसके लिए डीपीआर में बदलाव किया गया है। पहले यहां लाइट मेट्रो चलाई जानी थी। सर्वे के अनुसार करीब 10 लाख मुसाफिर प्रतिमाह इस लाइन में सफर करेंगे।

एनएमआरसी इस लिंक के लिए उत्साहित है और इससे अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है। 2016 में डीएमआरसी ने सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक के विस्तार की डीपीआर तैयार की थी। डीपीआर के तहत इस विस्तार के लिए 2826.00 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। अब संशोधन के बाद डीपीआर में करीब 700 करोड़ रुपये कम किए गए है। इसमें स्टेशनों की संख्या को घटाया-बढ़ाया नहीं गया है।

सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक के विस्तार में कुल 11 किमी में छह स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर-136, सेक्टर-91, सेक्टर-93, सेक्टर-98, सेक्टर-125 व सेक्टर-94 को शामिल किया गया है। सेक्टर-142 ट्रेन का ओरिजन स्टेशन होगा, जबकि बोटेनिकल गार्डन इसका अंतिम स्टेशन होगा।

इन दोनों स्टेशनों पर लाइट मेट्रो के लिए अलग से प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। बोटेनिकल गार्डन लिंक स्टेशन होगा। यहां से मुसाफिर मैजेंटा व ब्लू लाइन के लिए मेट्रो बदल सकेंगे। वहीं, जिनको ग्रेटर नोएडा जाना है वे इस लिंक का प्रयोग करेंगे।

जानें- लाइट मेट्रो के बारे में

लाइट मेट्रो सामान्य रेलवे नेटवर्क से थोड़ी अलग है और इसे अपग्रेडेड ट्राम (Tram) और डाउनग्रेडेड मेट्रो (Metro) कहा जाता है।

लाइट रेल सिस्टम में टिकेट काउंटर, प्लेटफार्म आदि ग्राउंड लेवल पर होते हैं।

लाइट रेल सिस्टम में ट्रेन बोर्ड करने के लिए ऑटोमेटेड टिकट सिस्टम नहीं होता है।

सामान्य और लाइट मेट्रो में अंतर

सामान्य मेट्रो के कोच 6 से 8 तक होते हैं। वहीं, लाइट मेट्रो के कोच ज्यादा से ज्यादा तीन तक ही होंगे। इसकी कीमत सामान्य मेट्रो से काफी कम होगी। लाइट मेट्रो चलाने के लिए छोटे-छोटे रूट पर फोकस किया जाता है। वहीं सामान्य मेट्रो काफी लंबी दूरी तक के लिए चलाई जाती है।


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