Actress Chandni Srivastava: बॉलीवुड फिल्मों में अपने अभिनय की रोशनी बिखेरना चाहती हैं चांदनी
Actress Chandni Srivastava प्रतिभा की धनी चांदनी केजी कक्षा से मंच पर अभिनय करती आ रही हैं। कक्षा 6वीं में सबसे पहले नागपुर में बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म में कार्य किया। दिल्ली में अस्मिता थियेटर से अभिनय सीखा। 2012 में उन्होंने रेड लाइट ग्रीन लाइट नामक लघु फिल्म में अभिनय किया।
नोएडा [सुनाक्षी गुप्ता]। Actress Chandni Srivastava: सपनों की मायानगरी जाकर बॉलीवुड और सिल्वर स्क्रीन में काम करने का सपना हर किसी का होता है, लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो उस मुकाम तक पहुंच पाते हैं। ग्रेटर नोएडा सेक्टर-37 निवासी 25 वर्षीय चांदनी श्रीवास्तव ने भी ऐसा ही एक सपना देखा जिसे पूरा करने के लिए मुसीबतों के कई पहाड़ों को फतह कर बिना हार माने अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं। प्रतिभा और दृढ़ निश्चय के साथ वह खुद के दम पर सिल्वर स्क्रीन के नामी सीरियल 'कुमकुम भाग्य', 'निमकी मुखिया' और 'बेपनाह प्यार' आदि प्रमुख धारावाहिक में अभिनय कर नाम कमा रही हैं। जल्द ही बॉलीवुड स्टार के साथ फिल्म में नजर आने वाली हैं।
कई ठोकरों के बाद पाई सफलता
प्रतिभा की धनी चांदनी केजी कक्षा से ही मंच पर अभिनय करती आ रही हैं। कक्षा 6वीं में सबसे पहले नागपुर में बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म में कार्य किया। दिल्ली में अस्मिता थियेटर से अभिनय सीखा। 2012 में उन्होंने 'रेड लाइट ग्रीन लाइट' नामक लघु फिल्म में अभिनय किया, जिसे डीडी नेशनल पर प्रसारित किया गया था। पेशे से कंपनी सचिव चांदनी नाट्य कला के साथ ही कथक, भरतनाट्यम नृत्य और पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं। 12वीं के बाद खुद के लिए रास्ते तलाशते हुए स्नातक की पढ़ाई भी जारी रखी। अभिनय की दुनिया में नाम बनाने के लिए काम की तलाश में मुंबई भी जाती रहीं। वह बताती हैं कि शुरुआती दिनों में खुद के खर्चे पर कई प्रोजेक्ट में काम किया, लेकिन वह रिलीज भी नहीं हुए। इस तरह करीब 6 वर्ष तक असफलता झेली, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। 2019 में पहली बार 'मेरे साई' धारावाहिक में कैमिओ के साथ करियर की शुरुआत की।
बेटी को स्टार बनाने के लिए पिता ने किया फिल्म मेकिंग का कोर्स
मूलरूप से कानपुर की रहने वाली चांदनी के पिता सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन राकेश श्रीवास्तव वायु सेना का हिस्सा रहे हैं। मां अल्का श्रीवास्तव इंटीरियर डिजाइनर हैं। राकेश बताते हैं कि बेटी की ललक को देख उन्होंने सेवानिवृत होने के बाद फिल्म मेकिंग का कोर्स किया। बेटी के साथ कई लघु फिल्में भी बनाई। जिन्हें राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। आज वह बेटी की सफलता पर फक्र करते हैं।