जानिए- कौन है उत्तर प्रदेश का रहने वाला उमेश पंडित, बड़ा सवाल, इसके पास कहां से आई AK-47 ?
गाजियाबाद के लोनी के राम पार्क एक्सटेंशन का रहने वाला 50 हजार का इनामी बदमाश उमेश पंडित कई बार सुर्खियों में रह चुका है।
ग्रेटर नोए़़डा [प्रवीण विक्रम सिंह]। कुख्यात रणदीप भाटी गिरोह के सदस्य उमेश पंडित ने राजनीति में पैंठ जमाने के लिए जेल में बंद रहने के दौरान अपनी मां को प्रधानी का चुनाव लड़वाया था। खास बात है कि उसकी मां चुनाव जीत भी गई थी। वह राजनीति में पैंठ जमाना चाहता था। लेकिन वह पुलिस जांच से नहीं बच सका और जब-जब उसने आपराधिक घटना को अंजाम दिया। तब पुलिस ने उसे धर दबोचा और सलाखों के पीछे पहुंचाया।
यूपी की जेल के अलावा उमेश दिल्ली के तिहाड़ में भी बंद रह चुका है। तिहाड़ में बंद रहते दौरान उसने मुकीम काला व अनिल दुजाना गिरोह में दोस्ती करवाई थी। इसके लिए उसने मुकीम काला गिरोह के सदस्य महताब काना की मुलाकात अनिल से करवाई थी। सूत्रों ने दावा किया है कि अनिल दुजाना, रणदीप भाटी गिरोह का शार्प शूटर होने के साथ ही उमेश ऐसा शख्स है जो कि दोनों का बेहद विश्वसनीय है और उसने अपने आका के इशारे पर सुंदर भाटी गिरोह को कई बार नुकसान पहुंचाया है।
कौन है उमेश पंडित
गाजियाबाद के लोनी के राम पार्क एक्सटेंशन का रहने वाला 50 हजार का इनामी बदमाश उमेश पंडित कई बार सुर्खियों में रह चुका है। उस पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गैंगवार में कई लोगों की हत्या का आरोप है। उमेश के पिता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में हवलदार थे। दो भाइयों में उमेश बड़ा है। उसने बीए आनर्स की पढ़ाई की है। 2005 में वह कॉलेज की छात्र राजनीति से जुड़ा। इसी दौरान उसने पहली बार लोनी के एक कॉलेज में छात्र मनोज की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद डासना जेल में उसका संपर्क नरेश भाटी गिरोह के नरेंद्र प्रधान व अनिल दुजाना से हुआ। वह उनके गिरोह में शामिल हो गया।
इसके बाद वह रणदीप के संपर्क में आ गया और रणदीप गिरोह में भी शामिल हो गया। रणदीप व अनिल दुजाना का गिरोह एक माना जाता है। इस गिरोह का काम नोएडा व ग्रेटर नोएडा में विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा करना है।
नरेश व सुंदर की दुश्मनी ने ली कई की जान
नरेश भाटी व सुंदर भाटी गिरोह का आतंक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। वर्ष 2000 से ही दोनों के बीच नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत अन्य क्षेत्रों में वर्चस्व को लेकर गैंगवार का सिलसिला चल रहा है। गैंगवार में दोनों गिरोह के दर्जनों बदमाशों के साथ उनके परिजन की भी हत्या हो चुकी है। 2005 में सुंदर भाटी गिरोह ने नरेश भाटी की हत्या कर दी थी। बाद में उसके छोटे भाई रणपाल को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुठभेड़ में मार गिराया था। दोनों भाइयों की हत्या के बाद नरेश का भाई रणदीप भाटी गिरोह की कमान संभालने लगा। वर्तमान में रणदीप भी जेल में बंद है। भाई की हत्या का बदला लेने के लिए रणदीप ने उमेश को अपने गिरोह में शामिल कर लिया था।
15 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि उमेश पंडित पर 15 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। उस पर यूपी के अलावा दिल्ली में भी मुकदमें दर्ज है। दिल्ली से भी वर्ष 2013 में उमेश पर 15 हजार का इनाम घोषित किया गया था। जिसके बाद दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने उसको गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उमेश जमानत पर बाहर आ गया था।
हो चुकी है आजीवन कारावास की सजा
पुलिस ने बताया कि बदमाश उमेश पंडित को 2005 में उसके द्वारा की गई हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा निचली अदालत द्वारा सुनाई गई थी।
10 हत्याओं का मुकदमा दर्ज
बदमाश उमेश पर हत्या के अलग-अलग 10 मामले दर्ज हैं, जिसमें साहिबाबाद में सुंदर भाटी पर हुए हमले का भी मुकदमा है। इस दौरान रणदीप गिरोह ने सुंदर पर हमला कर उसके गुर्गे की हत्या कर दी थी।
कहां से आई एके-47 सबसे बड़ा सवाल है
एसटीएफ की जांच के दौरान यह पता नहीं चल पाया है कि उमेश के पास एके-47 कहां से आई है। पुलिस जांच में पता चला है कि कुछ समय पहले एक एके-47 सहारनपुर से पुलिसकर्मी से लूटी गई थी व कुछ समय पहले एक एके-47 गोरखपुर से चोरी हुई थी। पुलिस नंबर के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रही है एके-47 किस सरकारी कोटे से जारी हुई थी।