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Niharika: जानें- यूपी की एक लड़की को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने क्यों कहा- Thanks

Niharika12 वर्षीय निहारिका ने कई वर्षों से पिगी बैंक में बचाए 48530 रुपये निकालकर तीन प्रवासी कामगारों को हवाई जहाज से उनके गांव (झारखंड) भिजवाया।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:49 AM (IST)
Niharika: जानें- यूपी की एक लड़की को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने क्यों कहा- Thanks
Niharika: जानें- यूपी की एक लड़की को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने क्यों कहा- Thanks

नोएडा, जागरण संवाददाता। Niharika: दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-50 की रहने निहारिका द्विवेदी ने लॉकडाउन की वजह से दिल्ली के शेल्टर होम में रह रहे झारखंड के तीन कामगारों को अपने घर पहुंचाकर मानव सेवा की मिसाल पेश की है। 12 वर्षीय निहारिका ने कई वर्षों से पिगी बैंक में बचाए 48,530 रुपये निकालकर तीन प्रवासी कामगारों को हवाई जहाज से उनके गांव भिजवाया।

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झारखंड के सीएम ने किया ट्वीट

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand cm hemant soren ) ने ट्वीट कर छोटी सी उम्र में संवेदनशीलता के लिए निहारिका का आभार व्यक्त किया है। श्रमिक परिवार से कभी मिले बिना ही निहारिका ने जब एक रिश्तेदार से उनकी परेशानी के बारे में सुना तो पिगी बैंक से रुपये निकालकर व फ्लाइट टिकट की व्यवस्था कर उन्हें घर भेज दिया।

मजदूरों के बारे में खबरें देख होती थी निराश

निहारिका पाथ-वे स्कूल में आठवीं की छात्रा हैं। पिता गौरव द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू होने के बाद निहारिका अक्सर घर में बैठकर जब भी कामगारों को परिवार समेत पैदल जाते देखती थी तो काफी दुखी होती थी।

एक दिन उनके रिश्तेदार ने जानकारी दी कि यूसुफ सराय के सरकारी स्कूल में बने शेल्टर होम में कामगारों का परिवार ठहरा है, जिसमें कैंसर पीड़ित एक व्यक्ति, उनकी पत्नी और बेटी है। वे अपने घर जाना चाह रहे हैं। इस बारे में पता चलते ही निहारिका ने विमान का टिकट देखा और पूछा क्या वे जरूरतमंद परिवार को फ्लाइट से घर भेज सकते हैं।

गौरव बताते हैं कि बेटी की यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई। बेटी ने गुल्लक तोड़कर 48 हजार 530 रुपये निकाले। इसके बाद रिश्तेदार से उस परिवार की जानकारी लेकर उनके लिए रांची तक का फ्लाइट टिकट का बंदोबस्त किया ताकि उन्हें घर भेज सकें।

संकट की घड़ी में करें जरूरतमंदों की मदद

निहारिका बताती हैं कि हर रोज खबरों में कामगारों के संघर्ष की कहानी देखकर उन्हें मदद करने की सोची। कामगारों ने समाज निर्माण में अपना योगदान दिया है और हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम संकट की घड़ी में उनकी मदद करें। इसलिए दो साल से पिगी बैंक में जमा किए पैसे तीन प्रवासियों की मदद करने में खर्च कर दिया।


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