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2015 Dadri Mob Lynching: इकलाख की बेटी की गवाही आज, 12 लोगों पर आरोप तय

2015 Dadri Mob Lynching इकलाख की पीट कर हत्या व उसके बेटे को अधमरा करने के मामले में बृहस्पतिवार को कोर्ट में गवाही होगी। इकलाख की बेटी शाहिस्ता पुलिस सुरक्षा में गवाही देने जिला न्यायालय पहुंचेगी। घटना के बाद से इकलाख का परिवार दिल्ली में रह रहा था।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 09:11 AM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 09:11 AM (IST)
घटना के बाद से इकलाख का परिवार दिल्ली में रह रहा था।

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। गौतमबुद्धनगर के जारचा कोतवाली क्षेत्र स्थित बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात हुई इकलाख की पीट-पीट कर हत्या व उसके बेटे को अधमरा करने के मामले में बृहस्पतिवार को कोर्ट में गवाही होगी। इकलाख की बेटी शाहिस्ता पुलिस सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार को गवाही देने जिला न्यायालय पहुंचेगी। घटना के बाद से इकलाख का परिवार दिल्ली में रह रहा था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम शरण नागर ने बताया कि इकलाख की हत्या के मामले में बिसाहड़ा गांव के रहने वाले रूपेंद्र, विवेक, हरिओम, हरिओम कुमार, विशाल, संदीप, विनय, श्रीओम, सौरभ, गौरव, अरूण व शिवम के खिलाफ 25 फरवरी को आरोप तय किए गए थे। अब मामले में पहली गवाही के लिए बृहस्पतिवार का दिन सुनिश्चित किया गया है। इकलाख की बेटी इस मामले में मुख्य गवाह है। वहीं सरकारी गवाह रहे तत्कालीन जारचा कोतवाली प्रभारी सुबोध  सिंह की बुलंदशहर में हत्या हो चुकी है।

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बता दें कि बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गो हत्या की सूचना पर हिंसा भड़क गई थी। मंदिर से गो हत्या की सूचना प्रसारित की गई थी। भीड़ एकत्र हो गई थी और पीट-पीटकर इकलाख की हत्या कर दी थी। बीच बचाव करने पर उसके बेटे दानिश को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया था।

एक युवक की हो गई मौत

इकलाख की हत्या के आरोप में जेल गए गांव के युवक र¨वद्र की जेल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। मामले की न्यायिक जांच चल रही है। युवक की मौत के बाद भी गांव में जमकर बवाल हुआ था।

राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया था बिसाहड़ा गांव

घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई अन्य राष्ट्रीय नेता बिसाहड़ा गांव पहुंचे थे। दो महीने तक गांव राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया रहा था। पुलिस को दो महीने तक स्थिति पर काबू रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।


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