विस चुनाव के ढाई साल बाद जब लोकसभा के लिए वोट डालने पहुंचे, परिषदीय स्कूल भवन देख रह गए हैरान; कहा- उम्मीद नहीं...
ढाई साल पहले विधानसभा चुनाव में परिषदीय स्कूलों में मतदान करने गए मतदाता शुक्रवार को तब हैरत में पड़ गए जब उन्होंने स्कूलों को बदले हुए रूप में देखा। भवन को निजी स्कूलों की तर्ज पर देखकर उनके मन खुश हो गए। मतदाताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि परिषदीय स्कूलों में भी इतनी तेजी से विकास हो सकता है।
अंकुर त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। ढाई साल पहले विधानसभा चुनाव में परिषदीय स्कूलों में मतदान करने गए मतदाता शुक्रवार को तब हैरत में पड़ गए जब उन्होंने स्कूलों को बदले हुए रूप में देखा।
भवन को निजी स्कूलों की तर्ज पर देखकर उनके मन खुश हो गए। मतदाताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि परिषदीय स्कूलों में भी इतनी तेजी से विकास हो सकता है।
वह अपने साथियों से कह रहे थे कि जनपद के स्कूलों को बदला हुआ देख उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि यह वही परिषदीय स्कूल है, जिनमें छात्रों को जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता था, लेकिन अब यहां छात्रों को स्मार्ट बोर्ड की मदद से पढ़ाया जा रहा है।
सरकार की ओर से चलाई जा रही कायाकल्प योजना काफी लाभदायक दिखाई दे रही है। दादरी,जेवर,दनकौर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों के मतदान केंद्रों पर भी मतदाताओं का भी यही कहना था।
बिसरख में रहने वाले राकेश ने बताया कि जब वह 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट देने आए थे तो स्कूल का भवन जर्जर हालात में था,लेकिन अब स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। विकास के मुद्दे पर ही उन्होंने वोट डाला है।
पिछले तीन साल में 400 करोड़ रुपये से हुआ कायाकल्प
पिछले तीन साल में चारों ब्लाक के परिषदीय स्कूलों में 400 करोड़ रुपये के सीएसआर फंड से स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। इसके साथ ही शासन की ओर से करीब पांच करोड़ रुपये स्कूलों में कार्य कराए गए। स्कूलों का तेजी से विकास देेख मतदाताओं ने सरकार की तारीफ भी की।
इंटरनेट मीडिया पर हमेशा परिषदीय स्कूलों को खराब ही देखा, लेकिन यहां आकर तो तस्वीर बिल्कुल उल्टी ही दिखाई दे रही है।- दिव्या मोहंती
परिषदीय स्कूल को देखकर मन खुश हो गया। कायाकल्प योजना काफी लाभदायक दिखाई दे रही है। - हितेश